असम। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं असम प्रभारी विकास उपाध्याय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर आज से असम में निवासरत छत्तीसगढ़ मूल के लगभग 25 लाख मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित कर दिया है। विकास उपाध्याय ने संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत से चर्चा कर इसके लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देने वाले चर्चित छत्तीसगढ़ी संस्कृति से उन 55 कलाकारों को असम बुला लिया है, जो ऐसे 20 विधानसभा में अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे, जो मूल रूप से साहू, सतनामी, निषाद एवं आदिवासी समाज के हैं और ये सब चाय बागानों में मजदूरी का कार्य करते हैं। इस चुनावी रणनीति के चलते तय माना जा रहा है कि अपर असम में कांग्रेस को पुनर्स्थापित करने वे सफल साबित होंगे।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल असम चुनाव को कांग्रेस की झोली में डालने कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, तो विकास उपाध्याय की सक्रियता असम के चुनावों में स्वभाविक रूप से देखी जा सकती है। वे मतदाताओं को कांग्रेस के पक्ष में करने हर उपाय कर रहे हैं। वे असम के लोगों को कांग्रेस के पक्ष में एकजुट करने जिला से लेकर ब्लाॅक स्तर तक शिविरों का आयोजन कर प्रशिक्षण के साथ ही विभिन्न समुदायों में प्रभाव रखने वाले लोगों को एक के बाद एक लोगों को कांग्रेस में शामिल कर रहे हैं तो एक-एक कांग्रेस कार्यकर्ताओं की इस चुनाव में उपयोगिता सुनिश्चित हो सके, इसको लेकर उन्हें काम सौंपने किसी तरह की कोताही नहीं बरत रहे हैं। इससे जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार हो रहा है, वहीं विकास उपाध्याय के सभी लोगों के साथ मित्रवत व्यवहार के चलते ऐसे कार्यकर्ता काम करने और भी उत्साह के साथ चुनावी समर में लग गए हैं।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर विकास उपाध्याय ने आज से उन मतदाताओं पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर दिया है, जो छत्तीसगढ़ मूल के हैं और कई वर्षों से असम के चाय बागानों में मजदूरी कर जीवन-यापन कर रहे हैं। विकास उपाध्याय के सलाह पर मुख्यमंत्री बघेल ने इस बात को कांग्रेस हाई कमान के संज्ञान में लाया था कि चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों को उचित मजदूरी मिलनी चाहिये और जिस तरह से राहूल गांधी ने शिवसागर के अपने सार्वजनिक बैठक व सभा में इन मजदूरों को 365 रु प्रतिदिन मजदूरी देने की घोषणा की। इसके बाद से ही चाय बागानों के मजदूरों में जबरदस्त उत्साह देखी जा रहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने एक और दांव खेलते हुए छत्तीसगढ़ के 55 उन नामी कलाकारों को असम बुलाने के निर्देश दिए जो उनके बीच सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें बांधे रखने की योजना बनाएंगे। निश्चित तौर पर यह और भी सार्थक साबित होगा।
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छत्तीसगढ़ से पहुंचे इन प्रमुख कलाकारों में स्वर सुसम्राट दिलीप षड़ंगी, गरिमा दिवाकर, स्वर्णा दिवाकर, राकेश तिवारी, प्रशांत ठाकर और मोहम्मद तारीक खान (गिन्नी) जैसे प्रमुख कलाकार अपने 55 से भी ज्यादा सहयोगियों के साथ चिन्हित 20 विधानसभा क्षेत्रों में अपनी विभिन्न प्रस्तुती देंगे। वे अपने इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से देश में बढ़ती महंगाई से लेकर मोदी शासनकाल में बढ़ रहे अत्याचार से लेकर जिस तरह से किसानों के विरूद्ध काला कानून लाकर उन्हें आंदोलन करने छोड़ दिया गया है, के साथ ही आम लोगों को किस तरह से डरा धमका कर देशद्रोह के कानून का खुला दुरूपयोग किया जा रहा है, को नाट्य रूपांतरण में प्रस्तुत कर असम की जनता को बताएंगे कि भाजपा शासनकाल में किस तरह की कुशासन चल रहा है। वहीं ये कलाकार कांग्रेस के विचारधारा से संबंधित प्रस्तुति देकर छत्तीसगढ़ की संस्कृति को असम में निवासरत् छत्तीसगढ़ मूल के लोगों को कांग्रेस के पक्ष में बांधे रखने का कार्य करेंगे। छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत भी असम पहुंच रहे हैं और इस बीच कलाकारों से मिलकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के साथ ही छत्तीसगढ़ के मूल लोगों के साथ महत्वपूर्ण बैठक करेंगे।
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