कांग्रेस की कुरान वाली ’कसम’! क्या जीत के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं नेता? | Congress' Quran containing 'Qasam'! Are leaders ready to do anything to win?

कांग्रेस की कुरान वाली ’कसम’! क्या जीत के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं नेता?

कांग्रेस की कुरान वाली ’कसम’! क्या जीत के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं नेता?

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:18 PM IST
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Published Date: February 9, 2021 5:50 pm IST

रायपुरः आजादी के 73 साल हो चुके हैं, मतपेटियों की जगह ईवीएम ने भी ले ली, लेकिन नहीं बदला तो चुनाव लड़ने का तरीका। जहां उम्मीदवार जीत के लिए हर तरीके का इस्तेमाल करता है। नया वीडियो इंदौर का है जहां गुटबाजी से बचने के लिए कांग्रेस के शहर अध्यक्ष दावेदारों को कुरान की कसम खिलवा रहे हैं। जाहिर तौर पर सवाल खड़ा होता है कि दुनिया के सबसे लोकतंत्र के साथ इस तरह का मजाक आखिर कब तक होता रहेगा। सवाल ये भी है कि क्या जीत के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं नेता?

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80 सेकंड का ये वीडियो भारतीय लोकतंत्र की शायद सबसे बदरंग तस्वीर पेश करता है जब सियासी फायदे के लिए धर्मग्रंथों की कसम खिलवाई जाती है। तस्वीर इंदौर के मुस्लिम बहुल इलाके चंदननगर की है जहां निकाय चुनाव में गुटबाजी से बचने के लिए शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल दावेदारों को कुरान की कसम खिला रहे हैं। इतना ही नहीं बाकलीवाल ने तो मंच से संजय शुक्ला को कांग्रेस का उम्मीदवार ही घोषित कर दिया जबकि अभी तक न तो चुनाव की घोषणा हुई है न उम्मीदवार की। वैसे इस वीडियो के सामने आने के बाद सियासी घमासान मच गया है। आमतौर पर ध्रुवीकरण का आरोप झेलने वाली बीजेपी ने इस वीडियो के जरिए कांग्रेस को जोरदार तरीके से घेरा है।

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बीजेपी के हमलावर रुख ने कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया है। राम मंदिर निर्माण के लिए पैसे इकट्ठा करने को लेकर बीजेपी को कटघरे में खड़ी करने वाली कांग्रेस के नेता अब सफाई दे रहे है, उनका कहना है कि ये बीजेपी की प्रोपेगंडा पॉलिटिक्स है। वहीं, शपथ दिलाने वाले शहर अध्यक्ष का कहना है, कि उनका काम है दावेदारों के बीच समन्वय बनाना। उन्होंने केवल कुरान शरीफ की शपथ नहीं दिलवाई है बल्कि मंदिर में भी कसमें दिलाई है।

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मध्यप्रदेश में पिछले साल हुए सत्ता परिवर्तन और 28 सीटों पर उपचुनाव के बाद निकाय चुनाव दोनों ही पार्टियों के लिए साख का सवाल बन चुके हैं। दोनों की पार्टियां अपने कोर वोट बैंक को अपने साथ रखना चाहती है और यही वजह है कि इसके लिए दोनों ही पार्टियां हर हथकंडा आजमा रही है।

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