भोपाल। गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर पर कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाए हैँं। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि ‘विकास दुबे का किन-किन नेताओ, अधिकारियों से संपर्क था…”अब उजागर नहीं हो पाएगा’ ‘विकास दुबे ने सरेंडर के लिए महाकाल मंदिर को क्यों चुना’
पढ़ें- कार नहीं पलटी, सरकार पलटने से बचाई गई- अखिलेश यादव
पढ़ें- एनकाउंटर में गैंगस्टर विकास खल्लास, जानिए मुठभेड़ और मौत तक की पूरी…
वहीं पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि ‘विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उसके संरक्षक बच गए’
“विकास” के संरक्षक बच गए!!!
— Jaivardhan Singh (@JVSinghINC) July 10, 2020
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने ट्वीट किया है कि एनकाउंटर के बाद विकास दुबे की लाश के साथ दफन हो गए राज
दिग्विजय सिंह ने एमपी पुलिस के श्रेय लेने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विकास को निजी सिक्योरिटी ने पकड़ा था लेकिन प्रदेश की पुलिस श्रेय लेने की कर रही कोशिश।
पढ़ें- गाड़ी पलटने के बाद पिस्टल छीनकर भाग रहा था गैंगस्टर, पुलिस ने किया …
दिग्विजय ने मध्यप्रदेश में उज्जैन पहुंचने पर भी सवाल उठाए। उज्जैन को ही क्यों चुना उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने के लिए।
जिसकी आशंका थी वही हुआ और पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया। पिछले 4 दिन में यूपी पुलिस ने किए तीन एनकाउंटर तीनों का घटनाक्रम एक समान
खूंखार अपराधी को क्यों नहीं लगाई गई हथकड़ी। तीनों जगह एनकाउंटर का पैटर्न एक ही जैसा कैसे।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि ‘मैं शिवराज जी से विकास दुबे की गिरफ़्तारी या सरेंडर की न्यायिक जॉंच की मॉंग करता हूं। इस कुख्यात गैंगस्टर के किस-किस नेता व पुलिसकर्मियों से सम्पर्क हैं जॉंच होनी चाहिए। विकास दुबे को न्यायिक हिरासत में रखते हुए इसकी पुख़्ता सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए था, ताकि सारे राज़ सामने आ सकें।
वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने भी ट्वीट कर सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा है कि पुलिस के हाथों मौत नहीं कोर्ट से फांसी की सज़ा का अधिकारी था विकास दुबे। आगे उन्होंने लिखा है कि ‘क्या उप्र सरकार ने खो दिया है न्यायिक प्रणाली पर विश्वास ? हिस्ट्रीशीटर होने पर भी बड़े नेताओं के साथ हैं विकास की फोटो।
एनकाउंटर की आशंका कल से ही थी। इसी कारण सुप्रीम कोर्ट में याचिका कल प्रस्तुत हो चुकी है। यह कस्टडी में मौत का प्रकरण है। घटना की परिस्थितियों की जांच कोर्ट की निगरानी,नियंत्रण में हो। विकास को दंड मिलना तो निश्चित था परंतु यह पूरे खुलासे और कानूनी प्रक्रिया से होना था। https://t.co/DgtnpfIHul
— Vivek Tankha (@VTankha) July 10, 2020
कल से ही थी विकास दुबे के एनकाउंटर की आशंका। तन्खा ने कोर्ट के नियंत्रण और निगरानी में हो एनकाउंटर की जांच की मांग की है। उनके मुताबिक कानूनी प्रक्रिया से मिलनी थी विकास दुबे को सज़ा।
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने भी एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि ‘लोगों के नाम उजागर न हो इसलिए एनकाउंटर किया गया।
साथ ही सवाल उठाए हैं कि ‘पकड़ने के बाद उज्जैन कोर्ट में पेश क्यों नहीं किया गया। यूपी पुलिस को क्यूं सौंपा गया। यूपी और एमपी के प्रभावशाली लोग शामिल हैं इस एनकाउंटर में। शर्मा ने विकास दुबे एन्काउंटर की सीबीआई जांच की मांग की है। पीसी शर्मा ने कहा है कि पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने भी विकास दुबे के सरेंडर पर सवाल खड़े किए थे।