मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर कोर्ट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और राजदूत सन बेई डोंग के खिलाफ परिवाद दर्ज हुआ है, इस मामले में अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी। परिवाद दर्ज कराने वाले अधिवक्ता का नाम सुधीर ओझा का आरोप है कि चीन कोरोना वायरस बनाकर पूरे विश्व में दहशत फैलाना चाहता था, जिसके बाद उनपर आईपीसी की धारा 269,270,109,120 B के तहत परिवाद दर्ज कराया गया है। कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए 11 अप्रैल को सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है।
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दरअसल, ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि कोरोना वायरस शायद चीन के जैविक युद्ध का एक हिस्सा है और एक प्रयोगशाला से निकला जैविक हथियार है। अगर ऐसा है तो यह चीन के खिलाफ एक बड़ी साजिश है, कुछ अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स ने भी ऐसी ही कयासों के बारे में बात की है।
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वहीं चीन के विदेश मंत्रालय प्रवक्ता कंग श्वांग ने इस मामले में जवाब देते हुए कहा कि अभी तक सिर्फ ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि चीन के कई शहरों में महामारी बन चुका नया कोरोना वायरस चीन के खिलाफ एक जैविक हथियार है। चीन को आशा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय एक साथ कोरोना वायरस का मुकाबला करने के साथ साजिश जैसे राजनीतिक वायरस का भी विरोध करेगा।
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंग श्वांग ने कहा कि वर्तमान में चीनी जनता महामारी से मुकाबले की पूरी कोशिश कर रही है और इस वक्त ऐसी सनसनीखेज बात करना बदनीयत और बेतुका है। प्रवक्ता कंग श्वांग ने साफ किया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के जिम्मेदार अधिकारी ने फिलहाल बताया है कि कोई भी प्रमाण नहीं है कि नया कोरोना वायरस प्रयोगशाला से बना है या जैविक हथियार बनाने से पैदा हुआ है।
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बता दें, चीन में कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रकोप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 3,213 हो गई है, जबकि एशियाई देश में कन्फर्म मामलों की संख्या बढ़कर 80,860 हो गई है। सोमवार को अधिकारियों ने यह जानकारी दी। वहीं भारत में अब तक 123 संक्रमित मरीज पाए गए हैं।