पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए गठित समिति ने की पत्रकारों से चर्चा, बेहतर कानून बनाने मांगा सुझाव | Committee set up for journalist protection law, discusses with journalists, seeks suggestions for better law

पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए गठित समिति ने की पत्रकारों से चर्चा, बेहतर कानून बनाने मांगा सुझाव

पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए गठित समिति ने की पत्रकारों से चर्चा, बेहतर कानून बनाने मांगा सुझाव

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Modified Date: November 29, 2022 / 09:01 PM IST
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Published Date: November 18, 2019 12:37 pm IST

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून बनाकर प्रदेश के पत्रकारों को संरक्षण और उनकी सुरक्षा देना चाहती है, यही कारण है कि छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा बेहतर तरीके से कानून लागू किया जा सके इसे लेकर ग्राउंड लेवल तक के पत्रकारों और समाजसेवी संस्थाओं से सुझाव मंगाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आफताब आलम की अध्यक्षता में सरगुजा संभाग के पत्रकारों से भी समिति के लोगों ने मुलाकात की और सुझाव मांगे।

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इस दौरान संभाग भर के पत्रकारों ने अपनी समस्याओं और कानून बेहतर तरीके से बन सके इसे लेकर सुझाव भी दिए, दरअसल छत्तीसगढ़ में बनी कांग्रेस की सरकार ने अपने घोषणा पत्र में पत्रकारों के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की बात कही थी और सरकार ने कानून का प्रारूप भी तैयार किया है। कानून के प्रारूप में नए नियम शामिल करने और सुधार को लेकर सरकार प्रदेश के अंदरूनी क्षेत्रों में काम करने वाले पत्रकारों के हितों को ध्यान में रखकर बेहतर कानून लागू करना चाह रही है यही कारण है कि एक समिति गठित की गई है जिसकी अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आफताब आलम कर रहे हैं, इस समिति में पत्रकार और प्रशासनिक अफसरों को भी शामिल किया गया है।

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यह टीम पहले रायपुर से जगदलपुर और इसके बाद सरगुजा पहुंची जहां बात कर पत्रकारों से उनकी समस्याओं को साझा किया गया, बल्कि यह भी सुझाव लिए गए कि प्रदेश में बनने वाला पत्रकार सुरक्षा कानून कैसे बेहतर और कारगर हो सकता है। अलग-अलग वर्गों और क्षेत्रों के पत्रकारों से चर्चा के बाद अब टीम का कहना है कि प्रदेश भर के पत्रकारों से अलग-अलग सुझाव मिले हैं, जिससे आधार पर बेहतर सुझाव और नियमों को लागू कर प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाएगा।

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सरगुजा पहुंचे समिति में अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश आफताब आलम के साथ प्रशासनिक अफसर तारण सिन्हा और पत्रकार रुचिर गर्ग भी शामिल थे जिन्होंने सरगुजा जैसे आदिवासी अंचल के दूरस्थ क्षेत्रों से पहुंचे पत्रकारों से सुझाव लिए और उनकी समस्याओं के आधार पर उनके निदान की बात कही।

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