रायपुर। राजनांदगांव जिले में वायरल एक वीडियो में राजद्रोह का मुकदमा दर्ज होने का मामला जैसे ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संज्ञान में आया, इसे उन्होंने गंभीरता से लेते हुए तत्काल संबंधितों को केस वापस लेने के निर्देश दिए है।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोगों का अधिकार है और हम इसके प्रबल पक्षधर है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्य पूर्व की सरकार की परम्परा रही है। हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रबल पक्षधर है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लोगों से भी अपील की है वो अभिव्यक्ति के दौरान संयम बरते। उन्होंने राजद्रोह के मामले को तत्काल वापस लेने तथा भविष्य में इस तरह की घटना न हो इसका विशेष ध्यान रखने के निर्देश संबंधितों को दिए है।
जाने क्या है मामला
दरअसल सोशल मीडिया के अलग-अलग माध्यम से छत्तीसगढ़ के कई जगहों में बिजली कटौती को लेकर भ्रामक जानकारी फैलाने वाले आरोपी के खिलाफ छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी ने कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। कंपनी ने अपने एफआईआर में कहा था कि मेंटेनेंस के दौरान या मौसम क्षति सहित अन्य कारणों से कुछ समय के लिए बिजली आपूर्ति बंद होने को लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से एक व्यक्ति के द्वारा भ्रामक जानकारी फैलाकर इसे सरकार और इनवर्टर कंपनी से सांठगांठ बताते हुए सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
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वहीं एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस उस वीडियो की पड़ताल में जुट गई और पुलिस ने अपने विवेचना के दौरान डोंगरगढ़ के मुसरा का रहने वाला 53 वर्षीय मांगीलाल अग्रवाल को गिरफ्तार किया है। कंपनी के विधि सलाहकार के माध्यम से हुए एफआईआर में आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 और 505 के तहत राजद्रोह का मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई की जा रही है।
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