रायपुर। लोकसभा में पेश मोदी सरकार के बजट पर सीएम बघेल ने चुटकी ली है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर लिखा है कि पीएम मोदी पहले 2014 के जुमलों का हिसाब दें। हर खाते में आने वाले 15 लाख का क्या हुआ।
<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”hi” dir=”ltr”>पहले 2014 के जुमलों का हिसाब दो-<br><br>-हर खाते में आने वाले 15 लाख का क्या हुआ?<br>-छग में कितनी स्मार्ट सिटी बनी?<br>-स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू क्यों नहीं हुई?<br>-हर साल 2 करोड़ नौकरी का क्या हुआ?<br><br>देश के हर वर्ग की हवा उड़ी हुई है और मोदी सरकार 'उरी' पर अटकी हुई है. <a href=”https://twitter.com/hashtag/Budget2019?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#Budget2019</a> 2/</p>— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) <a href=”https://twitter.com/bhupeshbaghel/status/1091244440876974080?ref_src=twsrc%5Etfw”>February 1, 2019</a></blockquote>
<script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
बघेल ने आगे ट्वीट किया है कि छत्तीसगढ़ में कितनी स्मार्ट सिटी बनी। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू क्यों नहीं हई। हर साल दो करोड़ नौकरी का भी सीएम ने हिसाब मांगा। सीएम भूपेश ने ट्वीट कर लिखा है कि देश के हर वर्ग की हवा उड़ी है और मोदी सरकार ‘उरी’ पर अटकी हुई है।
<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”hi” dir=”ltr”>आज पेश आम बजट पूरी तरह से चुनावी बजट होकर जुमला व छलावा साबित होगा।<br>मोदी सरकार के इस आख़री बजट से भी अच्छे दिन की उम्मीद ख़त्म हो गयी।<br>कार्यकाल के अंतिम समय में किसान,गरीब , मज़दूर,गौमाता की याद आयी।<br>किसानो के लिये घोषित राशि ऊँट के मुँह में ज़ीरा के समान है।<a href=”https://twitter.com/hashtag/Budget2019?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#Budget2019</a></p>— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) <a href=”https://twitter.com/OfficeOfKNath/status/1091247914033311744?ref_src=twsrc%5Etfw”>February 1, 2019</a></blockquote>
<script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी मोदी सरकार के 2019 के आम बजट पर प्रतिक्रिया दी है।सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि बजट पूरी तरह से चुनावी बजट होकर जुमला व छलावा साबित होगा। मोदी सरकार के इस आख़िरी बजट से भी अच्छे दिन की उम्मीद ख़त्म हो गयी। कार्यकाल के अंतिम समय में किसान,गरीब,मज़दूर,गौमाता की याद आयी किसानो के लिये घोषित राशि ऊँट के मुँह में ज़ीरा के समान है