रायपुर, छत्तीसगढ़। रसूख के दम पर क्लब का अवैध हस्तांतरण हो, टोटल लॉकडाउन में अवैध शराब पार्टी हो। विशेष तौर पर जनप्रतिनिधियों के लिए बने क्लब के रसूखदार संचालकों का, दबंगई से उनकी ही कॉलोनी का रास्ता बंद करना हो। हर बार प्रशासन ने नियम सम्मत कार्रवाई का राग अलापा है। यहां तक की सत्तापक्ष-विपक्ष के विधायकों ने नाराज होकर सरकार से उनकी कॉलोनी का रास्ता खुलवाने की गुहार तक लगाई। लेकिन क्लब के संचालकों पर फिर भी कार्रवाई नहीं हुई। प्रदेश के मुखिया भी साफ कह चुके हैं कि नियम तोड़ने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। देखना होगा जांच, परीक्षण के नाम पर प्रशासन रसूखदार संचालकों को आखिर और कितना वक्त देगा ।।
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जनप्रतिनिधियों ने क्या कहा-
धर्मजीत सिंह- क्वींस क्लब में संचालित होते हैं अवैध काम
रमन सिंह- एग्रीमेंट निरस्त कर तत्काल एक्शन लिया जाए
बृजमोहन अग्रवाल- सरकार विधायक कॉलोनी का रास्ता खुलवाएं
प्रमोद शर्मा- क्वींस क्लब नशे का अड्डा बन गया है
केदार कश्यप- विधायक आवास का रास्ता होटल के लिए नहीं
विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी अब क्वींस क्लब की मनमानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल तमाम शिकायतों और छत्तीसगढ़ विधानसभा में मामला गूंजने के बाद भी प्रशासन ने क्वींस क्लब पर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं दिखाई है। जो कहीं न कहीं उसकी मंशा पर सवाल खड़े करता है। क्वींस क्लब की दबंगई पर प्रशासन भले मौन हो।लेकिन राज्य सरकार ने अब साफ कर दिया है कि।किसी को बख्शा नहीं जाएगा।चुनाव प्रचार के लिए मरवाही पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने क्वींस क्लब को लेकर आईबीसी24 को बताया कि। नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की
जाएगी।उन्होंने ये भी कहा उनकी सरकार ड्रग पैडलर्स को भी नहीं बख्शेगी।
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27 सितंबर 2020 को टोटल लॉकडाउन के दौरान रायपुर क्वींस क्लब में जन्मदिन के नाम पर नशे की पार्टी करवाने वाले।रसूखदार संचालकों की पहुंच और प्रभाव के बारे में एक नहीं कई दफा सवाल पूछे जा चुके हैं।जिनका जवाब अब तक नहीं मिला है।अब इसे रसूख का असर कहें या प्रशासन की घोर अनदेखी।बीते कई महीनों से विधायक कॉलोनी तक जाने वाला।क्लब साइड का रास्ता ब्लॉक करके रखा गया है. हालांकि मंत्री मोहम्मद अकबर ने जरूर कहा है कि लेआउट का परीक्षण किया जा रहा है. परीक्षण के बाद कार्रवाई होगी।
इस बीच IBC24 की टीम विधायक कॉलोनी पहुंची और वहां जो तस्वीर दिखी वो हैरान करने वाली है। क्वींस क्लब परिसर में शराब की बोतलों का जखीरा मिला है।हैरानी की बात ये है कि लॉकडाउन के दौरान भी क्लब में शराब परोसी गई थी।
क्लब परिसर जो शराब और बियर की सैकड़ों खाली बोतलें मिली हैं।उनकी मैन्युफैक्चरिंग डेट लॉकडाउन के दौरान यानी जून और जुलाई महीने की है।ऐसे में जांच का विषय है कि आखिर लॉकडाउन के दौरान बनने वाली शराब होटल क्वींस क्लब कब पहुंची। क्या इसे लॉकडाउन के दौरान सील पड़े बार के माध्यम से मंगवाया गया या शराब की अवैध सप्लाई हुई ?।।क्योंकि क्लब के अवैध गोदाम में जितनी संख्या में शराब और बीयर की बोतले मिली। उससे साफ पता चलता है कि वहां एक नहीं कई पार्टियां हुई थी।आईबीसी 24 ने जब आबकारी उपायुक्त से इस मामले में सवाल किया तो।उनका रटा रटाया जबाब सामने आया।
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अपनी पहुंच-पकड़ के दम पर मनमानी की किस हद तक जा सकता है।इसका प्रत्यक्ष उदाहरण बन चुका है।राजधानी का क्वींस क्लब।चाहे लॉकडाउन में अवैध शराब पार्टी का मामला हो या।विधायक कॉलोनी का रास्ता बंद करना।उसने खुलेआम नियमों का मखौल उड़ाया है ऐसे में कई और सवाल उठ रहे हैं।
आखिर।
क्वींस क्लब का बार लाइसेंस अब क्यों रद्द नहीं किया गया।?
पक्ष-विपक्ष के विधायकों की मांग के बाद भी कार्रवाई में देरी क्यों ?
अवैध ढंग से विधायकों के आवास का रास्ता रोकने पर एक्शन क्यों नहीं ?
आखिर किसके संरक्षण में क्वींस क्लब दबंगई कर रहा ?
क्वींस क्लब के संचालक नमित जैन पर अब तक कार्रवाई नहीं।?
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जबकि ड्रग पैडलिंग के केस में क्वींस क्लब के मैनेजर संभव पारख की हुई है गिरफ्तारी हो चुकी है।ऐसे में नमित जैन के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं करना कई सवाल खड़े करता है।
जाहिर है अवैध ढंग से विधायकों के आवास का रास्ता रोकने के मामले में भी क्वींस क्लब पर कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही है।आपको बता दें की रायपुर में सख्त लॉकडाउन के दौरान 27 सितंबर को क्वींस क्लब में हुए गोलीकांड के बाद अवैध रूप से शराब पार्टी का खुलासा हुआ था।जिसके बाद BC24 ने बार-बार क्लब का काला चिट्ठा खोला।लेकिन क्लब की काली करतूतों को नजरअंदाज किया जा रहा है।अब देखना ये है कि।राज्य सरकार के आदेश के बाद प्रशासन क्या कार्रवाई करता है।