रायपुर: पूर्व दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की हत्या की एनआईए जांच को लेकर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया है। इस मामले को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि भीमा मंडावी की जांच को लेकर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। मामले को लेकर विधि और अन्य अधिकारियों से चर्चा करने बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई जाएगी। एनआईए एक्ट के प्रावधानों पर चर्चा सुप्रीम कोर्ट में ही हो सकती है।
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बता दें कि हाईकोर्ट ने विधायक भीमा मंडावी की हत्या की जांच को लेकर सरकार द्वारा लगाई रिट अपील को खारिज करते हुए एनआईए जांच का फैसला सुनाया है। यह फैसला चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सुनाया है।
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भीमा मंडावी हत्याकांड की जांच राज्य सरकार की ओर से पुलिस को सौंपी गई थी। राज्य सरकार ने जहां इस मामले की न्यायिक जांच का निर्णय लिया था। वहीं केंद्र सरकार ने एनआईए जांच का आदेश देते हुए अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना में एनआईए एक्ट और अधिकार क्षेत्र का हवाला देते हुए राज्य सरकार से पुलिस जांच रोकने और मामले के दस्तावेज एनआईए को सौंपने को कहा गया था।
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एनआईए ने इसके बाद राज्य पुलिस की ओर से घटना से संबंधित जानकारी नहीं दिए जाने का आरोप लगाते हुए एडवोकेट किशोर भादुड़ी के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की थी, जिसमें राज्य सरकार को जांच से जुड़े सभी दस्तावेज एनआईए को सौंपने का आदेश हाईकोर्ट ने जारी किया था। उच्च न्यायालय की सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ शासन की ओर से हाईकोर्ट की डबल बेंच में रिट याचिका प्रस्तुत की गई थी जिस पर आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि मामले की जांच एनआईए ही करेगी।
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