रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिख कर पर्यावरण प्रभाव आंकलन (EIA) अधिसूचना के मसौदा पर सवाल उठाए हैं। बघेल ने कहा कि यह मसौदा सतत विकास की प्रक्रिया को बाधित करेगा। उन्होंने पत्र के माध्यम से मसौदे को लेकर कुछ सुझाव और आपत्ति भी दर्ज कराई है।
पढ़ें- समलैंगिक पत्नी से संबंध बनाना चाहा तो कटर से टुकड़े.
बघेल ने केंद्रीय मंत्री को पत्र में लिखा है कि मैं पर्यावरण मंजूरी देने की नई प्रक्रिया को अधिक समीचीन और ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस से जोड़ने के आपके उद्देश्य को समझता हूं। लेकिन ईआईए अधिसूचना, 2020 के मसौदे के प्रावधान पर्यावरणीय न्यायशास्त्र के अनुरूप नहीं हैं और ये “सतत विकास ‘और ईआईए प्रक्रिया के अपने उद्देश्यों को पूरी नहीं करता है।
पढ़ें- बिलासपुर में मिले 25 नए कोरोना मरीजों में आरटीओ अधि.
सीएम बघेल ने लिखा है कि ईआईए अधिसूचना 2020 के मसौदा में पर्यावरण मंजूरी देने के संबंध में प्रदेश सरकार के विचारों और राय को शामिल नहीं किया गया है। वहीं, ईआईए अधिसूचना, 2020 के मसौदे में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है, जो अनुसूची V और VI के तहत संवैधानिक अधिकारों की गारंटी देता हो।
पढ़ें- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज देश को करेंगे संबोधित, शाम 7 बजे होगा प…
बघेल ने पत्र में लिखा है कि ईआईए अधिसूचना के प्रारूप में पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक संवेदनशीलता को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है।
पढ़ें- 64,553 नए कोरोना पॉजिटिव के साथ देश में संक्रमितों …
पत्र में बघेल ने उम्मीद जताई है कि ईआईए अधिसूचना 2020 के प्रारूप को अंतिम रूप देने से पहले उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा।
लव, सेक्स और धोखा.. शादी का झांसा देकर महिला के…
2 hours agoOld Age Pension Latest News : इस राज्य की सरकार…
2 hours agoगोद में मासूम को लिए रोते-बिलखते महिला ने रोका CM…
19 hours ago