नई दिल्ली। साल 2002 गुजरात दंगा मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट मिल गई है। दंगे के वक्त गुजरात के सीएम थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
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तत्कालीन मोदी कैबिनेट को क्लीन चिट दे दी गई है। नानावटी कमीशन से प्रधानमंत्री मोदी को क्लीन चिट मिली है। साथ ही आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि तत्कालीन मंत्री हरेन पंड्या, भरत बारोट और अशोक भट्ट की किसी भी तरह की भूमिका साफ नहीं होती है।
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रिपोर्ट में अरबी श्रीकुमार, राहुल शर्मा और संजीव भट्ट की भूमिका पर सवाल खड़े किए गए हैं. गुजरात दंगे की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की गई है।
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आयोग ने ये कहा-
पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर नानावटी आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया गया था कि मुख्यमंत्री रहते नरेंद्र मोदी ने गोधरा कांड के बाद बिना बताए वहां का दौरा किया था, लेकिन जांच में यह बात स्पष्ट हो गई है कि प्रशासन को इस बात की पूरी जानकारी थी।
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मुख्यमंत्री रहते नरेंद्र मोदी गोधरा में ट्रेन की बोगियों को जलाने की घटना के बाद वहां हालात का जायजा लेने गए थे, लेकिन उन पर आरोप लगा कि वे तथ्यों को नुकसान पहुंचाने के लिए वहां पहुंचे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि वे ट्रेन के कोच S-6 का निरीक्षण करने गए थे. नानावटी आयोग की रिपोर्ट को आज गुजरात विधानसभा में पेश गया।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि गोधरा ट्रेन कांड के बाद गुजरात में जो दंगे हुए, वे प्रायोजित नहीं थे. इस कारण नानावटी कमीशन ने नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी है. बता दें कि नानावटी कमीशन ने आईपीएस आरबी श्रीकुमार, राहुल शर्मा और संजीव भट्ट के तथ्यों की भी जांच की थी।
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