बिलासपुर। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान में पखवाड़े भर पहले जिस एनआईसीयू वार्ड में आगजनी की घटना के बाद पांच बच्चों की मौत हो गई थी।प्रबंधन फिर से वहीं ये वार्ड बनाने की तैयारी में लगा है। सुरक्षा के तौर पर यहां सिर्फ इमरजेंसी एक्जिट डोर लगाया गया है। इसके अलावा औपचारिकताओं के नाम पर कुछ केबल बदले गए हैं।
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सिम्स के इस बच्चों वाले वार्ड के किनारे ही यहां की बिजली व्यवस्था को कंट्रोल करने का सिस्टम तैयार किया गया है। वह भी वार्ड ब्वॉय के भरोसे पर। अभी भी सेटअप के नाम पर सिम्स के पास कुछ भी नहीं है। प्रबंधन का कहना है कि वे यहां एआरटी सेंटर के अलावा एक और जगह को देखा गया है। जहां डॉक्टर फिर से नया बनाने की कोशिश करने की बात कह रहे हैं।
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मेडिकल सुपरिटेंडेंट बीपी सिंह का कहना है कि वे यहां बच्चों के नए वार्ड के लिए जगह तलाश रहे हैं। अब मामले में यह सवाल उठ रहे हैं कि जहां ये घटनाएं हुई हैं वहां ही इसे फिर से क्यों बनाया जा रहा है। बिलासपुर कलेक्टर ने सिम्स की व्यवस्थाओं के निरीक्षण के लिये अतिरिक्त कलेक्टर विजय दयाराम को जवाबदारी दी गयी है।
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