बीजिंग । चीन सरकार के प्रमुख अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत को धमकाने वाले लहजे में संपादकीय लिखा है। है. इस ग्लोबल टाइम्स को चीन सरकार का मुखपत्र भी माना जाता है। अखबार ने संपादकीय लेख में कहा है कि भारतीय मीडिया के कुछ हिस्से में ये मुद्दा उठाया जा रहा है कि भारत को विश्व में तिब्बत मुद्दे को गर्म करना चाहिए। इस पर ग्लोबल टाइम्स ने ने कहा है कि यह रास्ते से भटका हुआ और बेतुका विचार है।
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‘प्रस्तावित ‘तिब्बत कार्ड’ भारतीय इकोनॉमी के लिए नुकसानदायक’ हैडिंग से लिखे संपादकीय में कहा गया है कि इंडिया में कुछ लोगों का ये सोचना कि चीन के साथ तनाव के दौरान तिब्बत कार्ड से उसे लाभ मिल हो सकता है, यह विचार एक भ्रम है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि तिब्बत चीन का आंतरिक मामला है और इस मुद्दे को गरम करने से आग भड़क सकती है। भारत इससे दूर रहे तो ही अच्छा है।
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ग्लोबल टाइम्स ने तिब्बत मामले में अपनी सरकार की पीठ ठोंकी है। अखबार ने दावा किया है कि हाल के कुछ सालों तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में तुलनात्मक रूप से अधिक तेजी से विकास हुआ है। चीन ने यह भी दावा किया है कि 2019 में तिब्बत की जीडीपी 8.1 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी. तिब्बत क्षेत्र ने 71 देशों के साथ व्यापारिक संबंध भी बनाए हैं। नेपाल के साथ तिब्बत का व्यापार 26.7 फीसदी बढ़ा है।ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि चीन विरोधी कुछ ताकतें तिब्बत मुद्दे का इस्तेमाल कर चीन की वन चाइना पॉलिसी के खिलाफ उकसावा पैदा करने का काम करती हैं। लेकिन फैक्ट ऐसे शब्दों से अधिक असरदार हैं।
ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में कहा है कि तिब्बत क्षेत्र में स्थिर सामाजिक वातावरण तैयार करने के लिए तेज विकास एक अच्छी शुरुआत है। चीन के अंग्रेजी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि’तथाकथित’ तिब्बत कार्ड सिर्फ कुछ भारतीयों की कल्पना की उपज है और वास्तविकता में इसका महत्व नहीं है।
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