नई दिल्ली। चीन के दबाव में आकर अपने भाई जैसे पड़ोसी देश भारत से बैर ले रहे नेपाल की जमीनों पर चीन ने ही कब्जा कर लिया है। नेपाल की सरकार की मानें तो करीब 10 जगहों पर चीन ने कब्जा किया है। वहीं चीन की हरकत पर ओली सरकार ने चुप्पी साध रखी है, वहीं विपक्ष लगातार ओली सरकार पर सवाल उठा रहा है।
हिमालय र सगरमाथाबारे
आपत्तिजनक चिनियाँ गतिविधि;
हुम्ला,रसुवा,संखुवासभा,
सिन्धुपाल्चोक गरि ३३हे.
जग्गा चीनद्वारा कब्जा;
गोरखाको रुई गाउँ कब्जा;कोरोनाबारे सहयोग र चिनियाभाषा पढाउने नाउमा चिनियाँ सेना आउने;
र सरकारलाई चिनिया पार्टी ले तालिम दिएको समाचार आयो।
सरकारको जबाफ चाहियो।— Bimalendra Nidhi. (@BimalendraNidhi) June 23, 2020
नेपाल के कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक देश के कुल 10 जगहों पर चीन ने कब्जा कर लिया है। यही नहीं पेइचिंग ने 33 हेक्टेयर की नेपाली जमीन पर नदियों की धारा बदलकर प्राकृतिक सीमा बना दी है और कब्जा कर लिया है। भारत के बातचीत के ऑफर के बाद भी विवादित नक्शा जारी करने वाली नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार ने अपने आका चीन के इस नापाक कदम पर चुप्पी साध रखी है, वहीं विपक्ष को अब ड्रैगन का डर सताने लगा है।
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चीन ने नेपाल के रुई गांव पर कब्जा कर लिया है और कथित तौर पर अतिक्रमण को वैध बनाने के लिए गांव के सीमा स्तंभों को हटा दिया है। चीनी सरकार तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (TAR) में सड़क नेटवर्क के लिए निर्माण कर रहा है जिससे नदियों और सहायक नदियों का रास्ता बदल गया है और वे नेपाल की तरफ बहने लगी हैं। न्यूज एजेंसी ANI को मिले दस्तावेज में दावा किया गया है कि अगर यह जारी रहा तो नेपाल का बड़ा हिस्सा TAR में चला जाएगा। इस दस्तावेज में चेतावनी दी गई है कि अगर समय पर कदम नहीं उठाए गए तो नेपाल की और जमीन चली जाएगी।
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चीन के निर्माणकार्य की वजह से बगडरे खोला नदी और करनाली नदी का रास्ता बदल गया है और हुमला जिले में 10 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण हो गया है। नेपाल की 6 हेक्टेयर जमीन रसूवा जिले में सिंजेन, भुरजुक और जांबू खोला के रास्ते बदलने की वजह से अतिक्रमण में जा चुकी है। वहीं, नेपाल की 11 हेक्टेयर जमीन पर चीन पहले ही तिब्बत में होने का दावा कर चुका है। सिंधुपलचोक जिले में खरानी खोला और भोटे कोसी के रास्ते में हुए बदलाव के चलते यह दावा किया गया है।
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नेपाल के कुछ इलाकों पर चीन का कब्जा सामने आने के बाद इसके खिलाफ आवाज उठने लगी है। विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस के तीन सांसदों ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को चिट्ठी लिखकर चीन से जमीन वापस लेने की मांग की है। सांसदों के मुताबिक, चीन ने नेपाल के कई जिलों की 64 हेक्टेयर (करीब 158 एकड़) जमीन पर कब्जा कर लिया है। इनमें हुमला, सिंधुपालचौक, गोरखा और रसुवा जिले शामिल हैं। यह चिट्ठी प्रतिनिधि सभा के सचिव के जरिए प्रधानमंत्री तक पहुंचाई गई है।
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सांसदों ने कहा- चीन और नेपाल सीमा पर मौजूद पिलर नंबर 35 को चीन ने अपनी तरफ शिफ्ट कर लिया है। इससे गोरखा जिले का रुई गुवान गांव उनके कब्जे में चला गया। अब इस गांव के 72 परिवार चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) के नागरिक बताए जा रहे हैं। धारचूला जिले के 18 घरों पर भी चीन दावा कर रहा है।
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सांसदों ने कहा- चीन और नेपाल सीमा पर मौजूद पिलर नंबर 35 को चीन ने अपनी तरफ शिफ्ट कर लिया है। इससे गोरखा जिले का रुई गुवान गांव उनके कब्जे में चला गया। अब इस गांव के 72 परिवार चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) के नागरिक बताए जा रहे हैं। धारचूला जिले के 18 घरों पर भी चीन दावा कर रहा है।