छत्तीसगढ़ के बाल वैज्ञानिकों ने किया गौरवान्वित, उत्कृष्ट परियोजनाओं के लिए 15 बच्चों का हुआ चयनित | Child scientists of Chhattisgarh made the state proud, 15 children selected for excellent projects

छत्तीसगढ़ के बाल वैज्ञानिकों ने किया गौरवान्वित, उत्कृष्ट परियोजनाओं के लिए 15 बच्चों का हुआ चयनित

छत्तीसगढ़ के बाल वैज्ञानिकों ने किया गौरवान्वित, उत्कृष्ट परियोजनाओं के लिए 15 बच्चों का हुआ चयनित

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:12 PM IST
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Published Date: January 25, 2021 9:03 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा 21 से 23 जनवरी तक राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस का वर्चुअल आयोजन जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर में किया गया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के सहयोग से हुआ। वेबीनार में राज्य शैक्षणिक समन्वयक, राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस द्वारा राज्य स्तर पर चयनित बाल वैज्ञानिकों के नाम की घोषणा की गई।

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इनका हुआ चयन

चयनित बाल वैज्ञानिकों में कु. गनीका कुम्भकार, शास.उ.मा.वि.जेवरा सिरसा, जिला-दुर्ग, अर्यान हरलालका, एन.एच.वर्ल्ड स्कूल, रायपुर, श्रृष्टी सोनी, स्वामी आत्मानंद शास. एक्सेलेन्स स्कूल, सरगुजा, कु. संजना यादव,शास.उ.मा.वि. पाउवारा जिला-दुर्ग, श्रुती सोम, लर्नर इंग्लिश मिडियम, बिलासपुर, मुस्कान पांडे, शास.कन्या उ.मा.वि., बस्तर, कन्हैया प्रसाद राजवाडे, शास. उ. मा. वि., रामपुर धर्मेश,डीएवी पब्लिक स्कूल, छाल, रायगढ, लीना यादव, शासकीय आदर्श मिडिल स्कूल, महासमुंद, अनीश सूरी, शास.उ.मा.वि., बुनागांव, कोण्डागांव, सर्वज्ञा सिंह, डीपीएस स्कूल, जामनीपाली, कोरबा, सविता, शास उ. मा. वि., गोकुलपुर. धमतरी, आयुश साहू, शास. बालक उ.मा.वि., रामानुजगंज, सूरजपुर, अकांक्षा साहू, शास.उ.मा.वि., पटौद, कांकेर, विजय कुमार ध्रुव, शास. उ.मा.वि., भखारपारा, नारायणपुर एवं निर्मला यादव, शास.उ.मा.वि. बुनागांव, कोण्डागांव शामिल है। इन बाल वैज्ञानिकों ने छत्तीसगढ़ राज्य को गौरवान्वित किया है।

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राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का वर्ष 2020 एवं 2021 में मुख्य विषय- सतत् जीवन के लिए विज्ञान (Science for Sustainable Living ) तथा पांच उप-विषय, जिसमें ‘सतत् जीवन के लिए पारितंत्र’, ‘उचित प्रौद्योगिकी’, सामाजिक नवाचार, निरूपण, विकास एवं मॉडलिंग व पांरपरिक ज्ञान प्राणाली शामिल है। 28वी राज्य स्तरीय बाल विज्ञान काग्रेस कार्यक्रम के समापन सत्र में कुलपति प्रो. के. एल. वर्मा ने कहा कि बच्चों में वैज्ञानिक रूचि विकसित करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम को भारत वर्ष में राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के तत्वाधान में आयोजित किया जाता है जो काफी सराहनीय है। छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के महानिदेशक मूूदित कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय बाल विज्ञान कॉंग्रेस बच्चों को एक मंच प्रदान करता है, जहां वे अपनी रचनात्मकता एवं नवाचार सोच के माध्यम से स्थानीय समस्याओं को चिन्हित कर उसका समाधान प्रयोग, आंकड़ा संकलन, शोध-विश्लेषण एवं नवाचारयुक्त प्रक्रिया के माध्यम से परिणाम तक पहुंचने हेतु प्रेरित होते है। उन्होंने जिला समन्वयकों तथा मार्गदर्शक शिक्षकों से अनुरोध किया कि वे बच्चों को अनुसंधान क्षेत्र में अग्रसर होने हेतु प्रेरित करें।

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कार्यक्रम के प्रारंभ में राज्य समन्वयक, राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस, छत्तीसगढ, डी नीमति जे.के. रॉय द्वारा राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस की संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। उन्होंने बताया कि 25 जिलों से कुल 374 परियोजनाएं जिला स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस में प्रस्तुत की गई तथा राज्य स्तर पर 125 परियोजनाओं का वर्चुअल प्रस्तुतीकरण कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखते हुये डी.एस.टी. द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार ऑनलाईन मोड में भारत सरकार तथा राज्य शासन के दिशा-निर्देश में किया।

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