रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के जनघोषणा पत्र में किसानों और आम नागरिकों के व्यापक हित में छत्तीसगढ़ की पहली जल नीति लागू करने का भी संकल्प लिया गया है। इसके अंतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा पेयजल और सिंचाई को प्राथमिकता दी जाएगी। लघु और मध्यम सिंचाई योजनाओं पर विशेष ध्यान देकर पांच वर्ष के भीतर सिंचित क्षेत्र को दोगुना किया जाएगा।
जनघोषणा पत्र में जल संसाधन विभाग से संबंधित बिंदुओं में यह भी कहा गया है कि सिंचाई शुल्क को समाप्त कर पुरानी बकाया राशि माफ की जाएगी। किसानों के अधिकारों की रक्षा, कृषि उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य और कृषि नीतियों पर सलाह देने के लिए किसान आयोग बनाया जाएगा, जिसमें किसान प्रतिनिधियों और अन्य हितग्राहियों को भी शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर मंत्रालय में जनघोषणा पत्र के सभी बिन्दुओं पर विभागवार कार्ययोजना बनाने की शुरूआत हो गई है। जनघोषणा पत्र में वित्त विभाग से संबंधित बिंदुओं में प्रदेश सरकार के समस्त तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों के लिए क्रमोन्नति, पदोन्नति और चार स्तरीय वेतनमान लागू करने का भी वादा किया गया है।
यह भी पढ़ें : नगरीय निकायों में मनोनीत एल्डरमैनों का मनोनयन निरस्त, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश
इसके अलावा सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित बिंदुओं में छत्तीसगढ़ में लोकपाल अधिनियम लागू करने का भी संकल्प जनघोषणा पत्र में शामिल है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव अजय सिंह जनघोषणा पत्र के क्रियान्वयन के लिए विभागवार तैयारियों की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। जनघोषणा पत्र में आबकारी, समाज कल्याण, पंचायत और ग्रामीण विकास, कृषि, पशुधन विकास, वित्त, सामान्य प्रशासन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पर्यटन विभाग के लिए भी बिन्दुवार लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।