छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड की मनमानी, CAG नहीं अब लोकल एजेंसी करेगी कमाई और खर्चों की ऑडिट | Chhattisgarh Housing Board arbitrary, not CAG, now local agency will audit earnings and expenses

छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड की मनमानी, CAG नहीं अब लोकल एजेंसी करेगी कमाई और खर्चों की ऑडिट

छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड की मनमानी, CAG नहीं अब लोकल एजेंसी करेगी कमाई और खर्चों की ऑडिट

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:42 PM IST
,
Published Date: January 7, 2021 6:10 am IST

रायपुर। भ्रष्टाचार और नियम विरुद्ध कामों के चलते लगातार सुर्खियों में रहने वाले छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने जवाबदेही से बचने का नायाब तरीका अपनाया है। बोर्ड ने अपनी कमाई और खर्चों को ऑडिट कराने का तरीका ही बदल दिया है। पहले सीएजी से ऑडिट कराया जाता था, लेकिन सीएजी रिपोर्ट में कई बड़ी-बड़ी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद बोर्ड ने ऑडिट संस्था ही बदल दी। अब सीएजी की बजाय लोकल ऑडिट एजेंसी से ऑडिट कराने का फैसला लिया गया है।

Read More News: छत्तीसगढ़ में आज 1050 कोरोना मरीजों की पुष्टि, 10 मरीजों की मौत, 957 मरीज हुए स्वस्थ

भ्रष्टाचार और गंभीर आर्थिक अनियमितता के कई मामलों से अपना दामन दागदार कर चुके छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने अब दामन चमकाने का जो रास्ता अख्तियार किया है, वो और भी हैरान करने वाला है। बजाय इसके कि भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कस और भ्रष्टाचार के रास्ते बंद करे। हाउसिंग बोर्ड ने उस शीशे को बदल देना ही ठीक समझा है, जो उसका दामन दागदार दिखा रहा था।

Read More News: महिला सशक्तिकरण की मिसाल, 17 साल से कर रही कंडक्टर की नौकरी 

बोर्ड ने भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने वाले नियंत्रक और महालेखापरीक्षक से ऑडिट कराने से ही तौबा कर लिया है। करीब 1 महीने पहले हाउसिंग बोर्ड बैठक में बाकायदा सर्वसम्मति से इस फैसले को पारित भी कर दिया गया। हालांकि बोर्ड के अध्यक्ष इस फैसले से अनजान ही हैं, लेकिन ध्यान दिलाने पर वो इसका ठीकरा पहले के बीजेपी कार्यकाल पर फोड़ते हैं।

Read More News: किराये के मकान में चल रहा था सेक्स रैकेट, 2 युवक और 7 युवतियां गिरफ्तार 

सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट में अब तक हाउसिंग बोर्ड की कई आर्थिक अनियमितताएं उजागर हो चुकी हैं। इनमें सबसे चर्चित मामला एक ही लैपटॉप से सरकारी टेंडर जारी होने और उसी लैपटॉप से ठेकेदार के टेंडर भरने का रहा है। इसके जरिए छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में पदस्थ एक अधिकारी के करीबी को अरबों का कॉन्ट्रैक्ट दे दिया गया। सीएजी के इस खुलासे के बाद हाउसिंग बोर्ड की जरबदस्त किरकिरी हुई, लेकिन अब सीएजी से ऑडिट ना कराने का फैसला लेकर हाउसिंग बोर्ड ने ऐसे तमाम सवालों को ही खत्म करने का फैसला कर लिया है। हालांकि बोर्ड के अध्यक्ष का कहना है कि बोर्ड में भ्रष्टाचार करने वालों की कोई जगह नहीं है। अगर जरूरत दिखी तो फिर सीएजी के जरिए ऑडिट सिस्टम को भी बहाल कर सकते हैं। बहरहाल, सवाल के जवाब तो दूर हाउसिंग बोर्ड पर कई और सवाल ही खड़े हो गए हैं। ऐसे में बेहतर तो यही होगा कि बोर्ड के जिम्मेदार दामन पर लगे दाग को धोने की कोशिश करें, ना कि उसे छुपाने की।

Read More News: व्यापारी कल अर्धनग्न होकर करेंगे प्रदर्शन, व्यापार मेले की तिथि घोषित नहीं करने को लेकर 

 
Flowers