Chhattisgarh Bijapur Naxal Attack: अंजाम तक पहुंचेगी लड़ाई...कब लिया जाएगा बीजापुर का बदला? | Chhattisgarh Bijapur Naxal Attack: The battle will reach the end ... When will Bijapur's revenge be taken?

Chhattisgarh Bijapur Naxal Attack: अंजाम तक पहुंचेगी लड़ाई…कब लिया जाएगा बीजापुर का बदला?

Chhattisgarh Bijapur Naxal Attack: अंजाम तक पहुंचेगी लड़ाई...कब लिया जाएगा बीजापुर का बदला?

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:02 PM IST
,
Published Date: April 5, 2021 5:44 pm IST

रायपुर: एक पखवाड़े के भीतर दूसरी बार दहला बस्तर, पहले नारायणपुर और अब बीजापुर। नक्सलियों के खूनी खेल से लाल हुई बस्तर की धरती, बीजापुर के तर्रेम में नक्सली हमले में 22 जवानों की शहादत हो गई। जबकि 31 जवान घायल हैं। घटना के बाद केंद्र और राज्य सरकार ने एक सुर में कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने चेतावनी दी कि नक्सलियों के खिलाफ जारी लड़ाई इस बार अंजाम तक पहुंचेगी। दूसरी ओर नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी किया और हमले के लिए केंद्र और राज्य सरकार को दोषी ठहराया।

Read More: Chhattisgarh Bijapur Naxal Attack: शहीद जवानों के परिजनों को मिलेगी 80 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति

बहरहाल एक पखवाड़े के भीतर दो बड़े नक्सली हमलों के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। क्या तर्रेम में 22 जवानों के शहादत के पीछे क्या कोई ऑपरेशनल चूक रही? क्या नक्सलियों ने ये हमला इसलिए किया क्योंकि सुरक्षाबल अब उनकी मांद में उन्हें चुनौती दे रहे हैं? सवाल ये भी कि बीजापुर का बदला कब लिया जाएगा?

Read More: सीएम का ऐलान, जल्द करेंगे कोरोना वालंटियर की भर्ती, गांधी प्रतिमा के नीचे बैठकर करेंगे कोरोना के खिलाफ नए अभियान का आरंभ

आपको बता दें कि 11 साल पहले नक्सलियों ने मदनवाड़ा में भी खूनी खेल खेला था और यहां 76 जवानों की शहादत हुई थी। जी हां ताड़मेटला कांड के 11वीं बरसी के ठीक तीन दिन पहले नक्सलियों ने एक बार फिर खूनी खेल खेला, जिसमें 22 जवान शहीद हो गए। ग्राउंड जीरों की ये तस्वीरें बताती है कि नक्सलियों और जवानों के बीच लड़ाई कितनी भयानक थी।

Read More: छत्तीसगढ़ में बेकाबू हुआ कोरोना! केंद्र सरकार ने भेजी टीम, संक्रमण रोकने करेगी 11 जिलों का दौरा

बताया जा रहा है कि UBGL, रॉकेट लांचर, इंसास और AK-47 जैसे आधुनिक हथियार से लैस नक्सलियों के हमले के बाद जवानों ने भी जमकर मुकाबला किया, जिसमें कई नक्सली भी मारे गए। एक महिला नक्सली का शव बरामद हुआ जबकि दूसरे नक्सलियों के शव और शहीद जवानों के हथियार नक्सली अपने साथ ले गए।

Read MorE: असम, बिहार, पश्चिम बंगाल सहित इन इलाकों में महसूस किए गए भूकंप के झटके, घरों से बाहर निकले लोग

तर्रेम में हुए नक्सली हमले की गूंज राजधानी रायपुर से लेकर दिल्ली तक सुनाई दी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह असम का चुनावी दौरा छोड़कर दिल्ली पहुंचे। वहीं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी असम से रायपुर के लिए रवाना हुए। घटना के अगले दिन अमित शाह जगदलपुर पहुंचे, पहले बीजापुर मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी। सर्किट हाउस में सीएम भूपेश बघेल और पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक के बाद केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। अमित शाह ने नक्सलियों को चेतावनी दी कि लड़ाई अब और तेज होगी, अंजाम तक पहुंचेगी। वहीं, सीएम भूपेश बघेल ने कहा ये मुठभेड़ नहीं बल्कि युद्ध था, हम नक्सलियों की मांद में घुसे हैं, जल्द ही नक्सलियों का सफाया होगा।

Read More: छत्तीसगढ़ में कोरोना ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, पिछले 24 घंटे में मिले 7 हजार से अधिक नए मरीज, 44 की मौत

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और CM भूपेश बघेल बीजापुर के बासागुड़ा स्थित CRPF कैंप भी पहुंचे और घायल जवानों का हालचाल जाना। इसके बाद रायपुर पहंचकर भी दोनों नेताओं ने अस्पताल में भर्ती घायल जवानों से बातचीत की और उनका हौसला बढ़ाया।

Read More: मौसी से ही दिल लगा बैठा युवक, समाज के डर से भागकर कर ली शादी, विरोध में परिजन और ग्रामीण

बहरहाल तर्रेम में हुआ नक्सली हमला मुठभेड़ कम और नक्सलियों से उनके घर में जवानों की सीधी लड़ाई कही जा रही है। दरअसल सुरक्षा बलों को इनपुट मिला था कि नक्सली कमांडर हिडमा अपने गांव पूअर्ती के पास नक्सलियों के साथ छिपा हुआ है, जिसके बाद उसे घेरने के लिए बीजापुर-सुकमा के जवानों ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाई। ऑपरेशन में डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा के करीब 2 हजार जवान जंगल में घुसी, लेकिन इसी बीच नक्सलियों ने एंबुश में फंसाकर पहाड़ी से फायरिंग करना शुरू कर दिया। हमले में भले 22 जवानों की शहादत हुई, लेकिन नक्सलियों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा।

Read More: BSEB 10th result: 10वीं बोर्ड के परीक्षा परिणाम जारी, इस राज्य के 78% छात्र पास, इस तरह चेक करें परिणाम

हमले के बाद केंद्र और राज्य सरकार ने एक सुर में कहा कि बस्तर में जारी लड़ाई अब अंजाम तक पहुंचेगी। लेकिन ये पहला मौका नहीं है, जब बस्तर में ब़ड़े नक्सली हमले के बाद ऐसा राजनीतिक बयान आया हो। पिछली सरकारों ने भी कई बार लाल आतंक पर अंतिम प्रहार की बात की है। लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या शहादत का सिलसिला कब तक चलेगा? बस्तर में लाल आतंक की दहशत कब खत्म होगी? सबसे बड़ा सवाल ये कि बीजापुर का बदला कब लिया जाएगा? क्या इस बार लाल आतंक पर अंतिम प्रहार होगा? जाहिर है ऐसे कई सवाल हैं, जो तर्रेम हमले के बाद उठ रहे हैं।

Read More: महाराष्ट्र: राकांपा नेता दिलीप वलसे पाटिल बने नए गृह मंत्री