छत्तीसगढ़ को ई-पंचायत पुरस्कार, पंचायतों के कार्यों में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही लाने ICT के उपयोग में देश में दूसरा स्थान | Chhattisgarh Awarded E Panchayat Award

छत्तीसगढ़ को ई-पंचायत पुरस्कार, पंचायतों के कार्यों में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही लाने ICT के उपयोग में देश में दूसरा स्थान

छत्तीसगढ़ को ई-पंचायत पुरस्कार, पंचायतों के कार्यों में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही लाने ICT के उपयोग में देश में दूसरा स्थान

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:50 PM IST
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Published Date: June 23, 2020 2:32 pm IST

रायपुर: पंचायतों के सशक्तिकरण और विभागीय योजनाओं को लागू करने में सूचना व संचार तकनीक (ICT – Information & Communication Technology) के प्रभावी उपयोग के लिए छत्तीसगढ़ का चयन भारत सरकार के पंचायतीराज मंत्रालय ने ई-पंचायत पुरस्कार के लिए किया है। पंचायतों के कार्यों में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही लाने आईसीटी के उपयोग में छत्तीसगढ़ को पूरे देश में दूसरा स्थान मिला है।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने इस उपलब्धि के लिए सभी विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई और शुभकामना दी है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों की प्रतिबद्धता और तकनीक के इस्तेमाल से शासन की योजनाओं को गांव के हर व्यक्ति तक पहुंचाया जा रहा है। इसमें सूचना एवं संचार तकनीकों के प्रति पंचायत प्रतिनिधियों की जागरूकता भी महत्वपूर्ण है।

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प्रदेश में ग्राम पंचायतों की नेटवर्किंग, योजनाओं व कार्यक्रमों को लागू करने और उनकी मॉनिटरिंग में कम्प्यूटर तथा सूचना व संचार तकनीक का सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है। पंचायत विभाग के कार्यों में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही लाने के लिए इन तकनीकों का व्यापक इस्तेमाल किया जा रहा है। केन्द्रीय पंचायतीराज मंत्रालय ने आईसीटी के द्वारा ग्रामीण अंचलों में स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने में छत्तीसगढ़ सरकार की कोशिशों की भरपूर सराहना की है।

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इसलिए मिला छत्तीसगढ़ को पुरस्कार
प्रदेश में ई-पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायतों की मूलभूत सेवाओं और कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए 11 कोर एप्लीकेशन का उपयोग किया जा रहा है। इसके लिए सभी ग्राम पंचायतों को एक यूनिक एलजीडी (LGD) कोड प्रदान किया गया है। प्रदेश के हर ग्राम पंचायत की मैपिंग एलजीडी पोर्टल में की गई है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए प्रदेश की सभी 11 हजार 664 ग्राम पंचायतों के ग्राम विकास योजना की एंट्री प्लान प्लस सॉफ्टवेयर में की गई है। इसी तरह प्रियासॉफ्ट के अंतर्गत ग्राम पंचायतों के वर्ष 2018-19 का कैश-बुक बंद करने का काम भी निर्धारित समयावधि में विभाग ने सफलतापूर्वक किया है। एम-एक्शन सॉफ्टवेयर की मदद से चौदहवें वित्त आयोग की राशि से पंचायतों में कराए गए कार्यों की जियोटैगिंग की गई है। इसके लिए 98 फीसदी पंचायतों को ऑन-बोर्ड कर 70 हजार 951 कार्यों का जियोटैगिंग फोटो अपलोड किया गया है। पंचायत संचालनालय द्वारा जारी सूचनाओं और निर्देशों को पंचायतें देख सकें, इसके लिए वेबसाइट भी बनाई गई है। वेबसाइट के जरिए गांव का कोई भी आदमी अपनी पंचायत द्वारा किए गए कार्यों को देख सकता है।

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पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पंचायतों और आम नागरिकों तक सूचना पहुंचाने के लिए नवाचार के रूप में “पी-नोटिस बोर्ड मोबाइल एप” का निर्माण किया गया है। इसमें प्रत्येक स्तर की पंचायतों द्वारा अपलोड सूचना कभी भी, कहीं से भी देखी जा सकती है। त्रिस्तरीय पंचायतीराज प्रतिनिधियों को शासन की योजनाओं की जानकारी तत्काल उपलब्ध कराने 27 जिलों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का व्हाट्स-अप ग्रुप बनाया गया है। इसके माध्यम से जिला, जनपद और ग्राम पंचायतों के करीब पांच हजार प्रतिनिधियों को सीधे सूचना भेजी जा रही है। ग्राम पंचायतों से विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी और डॉटा गूगल-शीट के माध्यम से ऑनलाइन मंगाई जा रही है। पंचायतों का लेखा ऑनलाइन पीएफएमएस (PFMS) के माध्यम से करने के लिए विश्व बैंक द्वारा परियोजना का अनुमोदन किया गया है।

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