धर्म: चैत्र नवरात्र इस बार 25 मार्च बुधवार से शुरू होगा। इसी दिन हिन्दू नववर्ष यानी नवसंवत्सर 2077 का शुभारम्भ होगा। इस बार किसी तिथि का क्षय नहीं है। चैत्र नवरात्र में पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा, अर्चना व व्रत का अवसर भक्तों को मिलेगा। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते श्रद्धालुओं से अपेक्षा है कि वह घर पर मां की आराधना करें। देवी मंदिरों में इस बार नवरात्र पर भक्तों की भीड़ नहीं रहेगी।
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इस नवरात्र भजन संध्या व देवी जागरण के कार्यक्रम नहीं होंगे। भक्त घर पर ही विधिविधान से कलश स्थापना करके आदि शक्ति की आराधना कर सकेंगे। भक्तों को घर में देवी के चित्र के सामने श्रद्धा भाव से आराधना करनी चाहिए। साथ ही दुर्गासप्तशती व नवदुर्गा का पाठ परिवार के साथ करना चाहिए। पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा-अर्चना होगी। पूरे देश के सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक संस्थाओं ने नवरात्र पर्व पर घर में ही पूजन-अर्चन की अपील की है।
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घट स्थापना का मुहूर्त घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:05 से 7:01 तक रहेगा। चौघड़िया मुहूर्त सुबह 6:05 से 7:36 तक और अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:44 से दोपहर 12:33 तक रहेगा।
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चैत्र नवरात्र के साथ ही इस बार प्रमादी नाम का संवत्सर प्रारम्भ होगा जिसमें वर्ष का राजा बुध होगा, मंत्री पद चंद्रमा को प्राप्त होगा। सस्येश गुरु, दुर्गेश चन्द्र, धनेश गुरु, रसेश शनि, धान्येश बुध है। संवत्सर का निवास कुम्भकार के घर है। नववर्ष के मंत्रिमंडल को देखते हुए देश तथा समाज में सामंजस्य स्थापित होगा।
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