रायपुर। CGPSC की परीक्षा प्रक्रिया फिर से सवालों के घेरे में आ गई है। CGPSC ने बिना संशोधित मॉडल आंसर जारी किए परिणाम जारी कर दिए हैं। राज्य अभियांत्रिकी सेवा परीक्षा 2020 के लिए दावा आपत्ति मंगवाने के बाद भी संशोधित मॉडल आंसर जारी नहीं किया है।
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CGPSC की मनमानी से एक बार फिर परीक्षार्थी परेशान हो गए हैं। वहीं अधिकारियों का दावा है कि विशेषज्ञों की जांच के बाद परिणाम जारी किए हैं।
सीजीपीएससी की परीक्षा प्रक्रिया एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गई है। राज्य अभियंत्रिकी सेवा परीक्षा साल 2020, जो इस साल 15 जनवरी को ली गई थी, उसके परिणाम बिना मॉडल आंसर जारी किए प्रकाशित कर दिए गए हैं। जबकि सीजीपीएससी ने इसके लिए परीक्षार्थियों से शुल्क लेकर दावा आपत्ति मंगाई थी, छात्र संसोधित मॉडल आंसर का इंतज़ार भी कर रहे थे, लेकिन 2 दिनों पहले CGPSC ने बिना मॉडल आंसर जारी किए ही परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए हैं, जिससे परीक्षार्थियों में हड़कंप मच गया है।
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परीक्षार्थियों का कहना है कि कहना इससे पता नहीं चल पाएगा कि किस उत्तर को विलोपित किया गया है, या किस उत्तर को संशोधित किया गया है। परीक्षार्थियों का आरोप है कि यह पूरी प्रक्रिया चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए की गई है । आरोप है कि ऐसे कई मामले हैं, जिसमें CGPSC द्वारा गलत तथ्यों को सही बताने के मामले सामने आ चुके हैं।
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वहीं सीजीपीएससी के अधिकारियों का कहना है कि इस प्रक्रिया का पालन नियमों के गजट प्रकाशन के बाद ही किया जा रहा है । बता दें कि इस नियम से छात्र परीक्षार्थियों में रोष है । वहीं परीक्षार्तियों में यह भी डर है कि आगे सभी परीक्षाओं में ऐसा ही होगा और बिना दावा- आपत्ति के बाद संशोधित मॉडल आंसर जारी किए परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे, जिससे परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका और भी बढ़ जाएगी।