रायपुर: छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम ने गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है। निगम ने अगले शिक्षण सत्र से कक्षा 11वीं और 12वीं की किताबें नहीं छपने का फैसला लिया है। साथ इस साल एनसीआरटी की किताबों को 15 प्रतिशत डिस्काउंट में बेचने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है निगम को प्रति वर्ष 90 लाख रुपए से ज्यादा घाटा उठाना पड़ रहा है जिसके चलते ऐसा फैसला लिया गया है।
किताबों का प्रकाशन बंद करने के फैसले पर छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम ने निजी दुकानदारों का हवाला देते हुए कहा है कि अधिकतर निजी पुस्तक विक्रेता अधिक कमीशन के चक्कर में निजी प्रकाशकों के किताब को बेचने में अधिक रुचि दिखा रहे हैं जबकि निगम की किताबों में कम कमीशन मिलने के कारण इन किताबों को बच्चों और पालकों तक पहुंचाने में दिक्कत हो रही है।
बता दें 2 साल पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में एनसीईआरटी की किताबें लागू और छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम को किताबें छाप कर कम दाम में बेचने निर्देशित किया। 2 साल के भीतर निगम ने कक्षा 11 वीं और 12वीं की 16 लाख किताबें छापी लेकिन निजी प्रकाशकों से मिलेने वाले मोटे कमीशन के लालच में सिर्फ 9 लाख किताबें ही बिक पाई और 7 लाख किताबें निगम के डिपो में डंप होकर रह गई।
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