रायपुर: कोरोना संक्रमण देशभर में तेजी से पांव पसार रहा है। रोजाना मौत और नए मरीजों की संख्या का एक नया रिकॉर्ड बन रहा है। कोरोना को लेकर अब लोगों के दिलों में डर सा पैदा होने लगा है ओर मन में कोरोना संक्रमण के लक्ष्ण, उपचार, होमआइसोलेशन और टीकाकरण के संबंध में कई सवाल उठने लगे हैं। तो चलिए हम आपको बताते हैं आपके सवालों के जवाब….
कोविड अनुकूल व्यवहार क्या है?
कोरोना संक्रमण से खुद को और दूसरों को बचाने के लिए किए जाने वाले उपाय और सावधानियां ही कोविड अनुकूल व्यवहार है। मास्क का उपयोग, शारीरिक दूरी का पालन तथा हाथों की साबुन व पानी या सेनिटाइजर से अच्छी तरह साफ-सफाई संक्रमण से बचने के प्रभावी उपाय हैं।
कौन से लक्षण दिखने पर मुझे कोराना जांच कराना चाहिए ?
सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश, नाक बहना, सिरदर्द, बदन दर्द, दिन भर थकान, पतला दस्त, उल्टी, स्वाद या सूंघने की क्षमता में कमी कोरोना संक्रमण के लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण दिखने पर तत्काल अपने नजदीकी जांच केन्द्र पहुंचकर कोरोना की जांच कराएं। सैंपल देने के बाद घर में ही आइसोलेट रहें और सभी जरूरी सावधानियां बरतें।
रिपोर्ट आने के पहले में क्या दवाईयां लेना शुरु कर सकता हूं ?
यदि लक्षण दिख रहे हों तो राज्य शासन द्वारा सुझाई गई कोरोना से बचाव की दवाइयां लेना चाहिए। मितानिन या स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पास यह किट उपलब्ध है। जरूरत पड़ने पर मेडिकल स्टोर से भी ख़रीदी जा सकती है।
दवा किट में कौन-कौन सी दवाईयां शामिल हैं?
दवाईयों के नाम और खुराक इस प्रकार हैं।
वयस्कों के लिए
• आइवरमेक्टिन 12 मिग्रा एक बार 5 दिनों तक
• डॉक्सीसायक्लीन 100 मिग्रा दो बार 5 दिनों तक
• विटामिन सी 500 मिग्रा दो बार 5 दिनों तक
• जिंक SO मिग्रा एक बार 5 दिनों तक
• पेंटोप्राजोल 40 मिग्रा एक बार 5 दिनों तक
• पैरासिटामॉल 500 मिग्रा चार बार बुखार हो
गर्भवती-शिशुवती महिला के लिए
• विटामिन सी 500 मिग्रा दो बार 5 दिनों तक
• जिंक 50 मिग्रा एक बार 5 दिनों तक
• पेंटोप्राजोल 40 मिग्रा एक बार 5 दिनों तक
• विटामिन डी3 60000 आईयू
• पैरासिटामॉल 500 मिग्रा चार बार बुखार हो तभी
बच्चों के लिए
• पैरासिटामॉल मल्टी विटामिन, बच्चा सुस्त हो या दूध न पी रहा तो तत्काल पीडियाट्रिक केयर सेंटर भेजें
मेरी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आए तो मुझे क्या करना होगा?
यदि आप में संक्रमण के हल्के लक्षण हैं या कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं और घर पर होम आइसोलेशन के लिए जरूरी सुविधाएं हैं तो http://homeisolation.cgcovid19.in इस लिंक के माध्यम से होम आइसोलेशन के लिए पंजीयन करा सकते हैं। होम आइसोलेशन की अनुमति मिलने पर दवाईयों की किट आपके घर पहुंचाई जाएगी। होम आइसोलेशन में निगरानी के लिए आपके द्वारा चयनित डॉक्टर द्वारा फोन पर जरूरी सावधानियों, शारीरिक गतिविधियों और खान-पान के बारे में जानकारी दी जाएगी। उनके निर्देशों का गंभीरता से पालन करें। किसी तरह की तकलीफ महसूस होने पर उनसे फोन के माध्यम से संपर्क करें। होम आइसोलेशन के लिए पंजीयन नहीं करने पर जिला प्रशासन द्वारा कोविड अस्पताल या कोविड केयर सेंटर में भर्ती करने की कार्रवाई की जाएगी।
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किन लोगों को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं मिलेगी ?
कोरोना के गंभीर लक्षणों वाले मरीजों, पहले से ही गंभीर बीमारियों जैसे किडनी रोग, हृदय रोग, कैंसर, एचआईवी-एड्स आदि से जूझ रहे लोगों और 60 वर्ष से अधिक के व्यक्तियों को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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होम आइसोलेशन के दस दिनों के बाद में स्वस्थ महसूस कर रहा हूं, मेरे सारे लक्षण खत्म हो गए हैं। क्या में बाहर निकल सकता हूं?
होम आइसोलेशन में उपचार ले रहे मरीजों को 17 दिनों की आइसोलेशन अवधि पूरी करना अनिवार्य है। इससे पहले उन्हें बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।
होम आइसोलेशन में तबीयत बिगड़ने या मेरा ऑक्सीजन सेचुरेशन 93 से नीचे चले जाने पर मुझे क्या करना चाहिए?
होम आइसोलेशन में तबीयत बिगड़ने पर निगरानी करने वाले डॉक्टर को तत्काल सूचित करें। अपने जिले के होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम में भी इसकी जानकारी दे सकते हैं। जिला प्रशासन द्वारा अस्पताल या कोविड केयर सेंटर में भर्ती करने की कार्यवाही की जाएगी।। हेल्पलाइन नंबर 104 पर भी फोन कर मदद ली जा सकती है।
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कोरोना मरीजों के इलाज के लिए किस अस्पताल में अभी कितने बिस्तर उपलब्ध हैं, मैं कैसे जान सकता हूं?
● राज्य के सभी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए उपलब्ध बिस्तरों की रियल टाइम जानकारी दिए गए लिंक govthealth.cg.gov.in के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।
कोरोना से बचाव का टीका लगवाने के लिए कौन पात्र है?
कोविड टीकाकरण के बारे में केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा विस्तृत निर्देश जारी किये गए हैं। अपनी बारी आने पर टीकाकरण केंद्र पर जाकर टीका लगवाएं।
टीका किसे नहीं लगाया जा सकता ?
ऐसे व्यक्ति जो वर्तमान में कोरोना संक्रमित हैं या जिनमें संक्रमण के लक्षण हैं, गर्भवती तथा दूध पिलाने वाली महिलाओं को टीका नहीं लगाया जा सकता। कोरोना संक्रमित व्यक्ति कोरोना मुक्त होने के चार सप्ताह के बाद टीका लगवा सकते हैं।
टीका लगाने के लिए मुझे कहां जाना होगा ? क्या-क्या दस्तावेज ले जाना होगा ?
अपने घर के नजदीक शासन द्वारा स्थापित टीकाकरण स्थल या टीकाकरण की सुविधा प्रदान कर रहे निजी अस्पताल जाकर टीका लगवा सकते हैं। टीका लगवाने के लिए अपना आधार कार्ड लेकर जाए। 18 से 44 वर्ष के व्यक्ति अपनी बारी आने पर टीका लगवाएं।
टीका लगवाने के बाद मुझे क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए ?
टीकाकरण के एक-दो दिनों के भीतर बुखार या सिरदर्द की शिकायत हो सकती है। यह बिलकुल सामान्य है। इसमें घबराने वाली बात नहीं है। बुखार या दर्द होने पर पैरासिटामॉल टैबलेट ले सकते हैं। टीका लगवाने के बाद भी कोविड अनुकूल व्यवहारों का गंभीरता से पालन करें।
क्या टीका लगवाने के कुछ नुकसान या साइड इफेक्टस हैं ?
टीका लगवा चुके लोगों में अभी तक ऐसा कुछ देखा नहीं गया है।
टीके की दूसरी खुराक मुझे कैसे लगेगी?
यदि आपको कोविशील्ड टीके की पहली डोज़ लगी है, तो पहले डोज के छह से आठ सप्ताह के भीतर नजदीकी टीकाकरण केंद्र में जाकर दूसरी डोज लगवा सकते हैं। कोवैक्सीन लगवाने वाले 28 दिनों के बाद दूसरा टीका लगवा सकते हैं। पहली बार में जो टीका लगा है, वही दूसरी बार में भी लगेगा। दूसरी डोज लगवाने के लिए जाते समय अपना टीकाकरण प्रमाण-पत्र साथ लेकर जाएं।
दोनों टीके लगने के बाद क्या में कोरोना संक्रमण के खतरे से पूरी तरह बचा रहूंगा ?
टीके की दोनों खुराक लगने के बाद भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो सकता है। इसलिए टीकाकरण के बाद कोविंड अनुकूल व्यवहार का गंभीरता से पालन करना जरूरी है। टीके की दोनों खुराक लगने के 15 दिनों के बाद शरीर में एंटीबॉडीज बनती है। यदि कोई व्यक्ति इसके बाद संक्रमित होता है तो उसका संक्रमण गंभीर नहीं होता। ऐसे व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता कम पड़ती है। दोनों टीके लगने के बाद कोविड-19 से जान जाने की संभावना लगभग खत्म हो जाती है।