रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष महंत ने गुरू पूर्णिमा के पावन पर्व पर धनेली आश्रम पहुंचकर श्री श्री रविशंकर रावतपुरा सरकार महाराज जी के चरण स्पर्श कर शॉल और श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद लिया।
गुरू लेकर डॉ महंत ने गुरुपूर्णिमा के महत्व पर कहा कि सनातन संस्कृति में गुरु की महिमा देवतुल्य है। शास्त्रों में कहा गया है कि गुरु के बगैर ज्ञान की प्राप्ति संभव नहीं है। किसी शुभ कार्य की शुरुआत करने के लिए गुरु का मार्गदर्शन और उनका आशीर्वाद आवश्यक है, साथ ही मानव जीवन में गुरु के मार्गदर्शन में चलने का महत्व अनिवार्य बताया है। धर्मशास्त्रों में गुरु के बताए रास्तों पर चलकर इंसान ने साधारण मानव से महामानव तक का सफर तय किया है, वहीं देवताओं ने भी गुरु के सानिध्य में जगत कल्याण किया है।
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सनातन संस्कृति में आषाढ़ मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के अवतार महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। शास्त्रों में गुरु को देवी-देवताओं से ऊंचा दर्जा दिया गया है क्योंकि गुरु के बताए मार्ग पर चलने से और गुरु की दी गई शिक्षाओं के पालन करने से व्यक्ति को भगवान की आराधना का फल मिलता है।
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