नई दिल्ली: स्वास्थ्यकर्मियों पर लगातार हो रहे हमले को लेकर मोदी सरकार ने गंभीरता दिखाते हुए नया अध्यादेश लाया है। अध्यादेश के अनुसार स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों को 7 साल तक की सजा हो सकती है। सरकार ने यह फैसला आज हुए कैबिनेट बैठक में लिया है।
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि लॉक डाउन के दौरान लोगों की जांच और उपचार में लगे स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले की खबर लगातार सामने आ रही है। मामले पर गंभीरता से विचार करते हुए सरकार अध्यादेश लाई है। इसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद लागू कर दिया जाएगा।
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केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने आगे कहा कि महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन कर अध्यादेश लागू किया जाएगा। ऐसा अपराध अब संज्ञेय और गैर-जमानती होगा। 30 दिनों के अंदर जांच की जाएगी। आरोपी को तीन महीने से पांच साल तक की सजा हो सकती है और दो लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
Central Government has brought an ordinance to end violence against health workers, carries imprisonment from 6 months to 7 years if anyone found guilty. pic.twitter.com/3wonlBuyHT
— ANI (@ANI) April 22, 2020
इस अध्यदेश में यह भी प्रावधान किया गया है कि गंभीर चोटों के मामले में आरोपी को छह महीने से सात साल तक की सजा हो सकती है। साथ में दोषी पर एक लाख रुपए से लेकर पांच लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
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Amendment to be made to Epidemic Diseases Act, 1897 and Ordinance will be implemented. Such crime will now be cognizable & non-bailable. Investigation will be done within 30 days. Accused can be sentenced from 3 months-5 yrs & penalised from Rs 50,000 upto Rs 2 Lakh: P Javadekar https://t.co/x3B5vjYZ8s
— ANI (@ANI) April 22, 2020
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