राजसमंद: कोर्ट में कई मामलों को लेकर वकीलों में बहस करते देखा या सुना होगा। इन मामलों में गवाहों को पलटते और सच को झूठ और झूठ को सच में बदलते देखा होगा। लेकिन आज हम आपको ऐसा मामला बताने जा रहे हैं, जहां एक तोतों की गवाही पर फैसला किया गया। आपको यह बातें महज एक कहानी लगे, लेकिन ये सच्ची घटना है।
दरअसल मामला राजसमंद जिले के गांव कुंवारिया गांव का है, जहां बीते दिनों पुलिस थाने में एसएचओ के पास एक बच्च रोते हुए आया। बच्चे को रोते देख एसएचओ का दिल पसीज गया और बच्चे की परेशानी पूछा। बच्चे ने बताया कि क आंटी उसके दो पालतू तोते नहीं दे रही है। वे उसे उसके तोते दिलवाएं। इसके बाद एसएचओ ने थाने से पुलिसकर्मियों को भेजकर महिला को तोतों के साथ थाने बुलवाया।
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महिला तोतों को लेकर थाने तो आ गई, लेकिन वह दावा करने लगी कि दोनों तोते उसके हैं। अब दिक्कत यह थी कि बच्चा साबित कैसे करे कि ये दोनों तोते उसी के हैं। इसके बाद एसएचओ ने बच्चे से कहा कि आप ही साबित करें की ये तोते आपके हैं। इसके बाद बच्चे ने राधा-कृष्ण की आवाज लगाई तो दोनों तोते उड़कर उसके कंधे पर आकर बैठ गए। इसके बाद एसएचओ ने बच्चे को दोनों तोते को सौंप दिया।
तोते के मालिक करण सेन ने बताया कि लॉकडाउन में एक दिन दोनों तोते उड़कर घर से बाहर कहीं चले गए। परिजनों ने लॉकडाउन के चलते करण को तोते तलाशने के लिए घर से बाहर नहीं जाने दिया, मगर करण हर समय अपने तोतों को खोजने का प्रयास करता रहता था। अब लॉकडाउन में थोड़ी ढील मिली तो वह घर से बाहर निकलकर तोते तलाश करने लगे। घर से करीब आधा किलोमीटर दूर एक घर में उसके तोते मिल गए। उन तोतों को अब एक महिला ने पाल रखा था और उसने करण को तोते लौटाने से इनकार कर दिया। इस पर करण पुलिस थाने पहुंच गया और थानाधिकारी पेशावर खान से शिकायत की।
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