कांकेर: बस्तर की लाइफ लाइन राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर स्थित केशकाल घाट में शनिवार को दर्दनाक हादसा हो गया। दरअसल एक बाइक सवार को बचाते के चक्कर में कार अनियंत्रित होकर पलट गई। बताया गया कि कार में बालोद विधायक संगीता सिन्हा के रिश्तेदार अपने परिवार के साथ सवार थे। हालांकि इस घटना से किसी को चोट नहीं आई है। इसी दौरान वहां से कांकेर सांसद मोहन मंडावी का काफिला गुजरा, लेकिन वे कार में फंसे लोगों को निकालने के बजाए मूक दर्शक बनकर देखते रहे। यहां 5 मिनट रूकने के बाद मोहन मंडावी आगे निकल गए। इसके बाद राहगिरों की मदद से कार में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया।
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केशकाल घाट के सातवें मोड़ पर एक गाड़ी खराब हो गई थी, जिसके चलते घाट में जाम की स्थिति बन गई थी। इसी बीच जगदलपुर से कांकेर की ओर जा रही कार जैसे ही ऊपर से आठवीं मोड़ पर पहुंची तो अचानक बाइक आ गया, जिसे बचाने के चक्कर में कार अनियंत्रित होकर पलट गई। कार में छोटा बच्चा के साथ चार लोग सवार थे।
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बताया जा रहा है कि बालोद विधायक सुनीता सिन्हा की भतीजी वर्धमान डॉ वेदप्रकाश सिन्हा सभी जगदलपुर से बालोद की ओर जा रहे थे कि इसी बीच बाइक को बचाने के चक्कर में वाहन पलट गई। घटना के थोड़ी देर बाद ही कांकेर सांसद मोहन मंडावी अपने काफिले के साथ कांकेर की ओर जा रहे थे। घटनास्थल के पास जाम होने के चलते 5 मिनट तक उनकी गाड़ी रुकी, लेकिन उन्होंने अपनी कार से उतरकर जानकारी लेने तक की जहमत नहीं उठाई। वे अपने काफिले के साथ आगे निकल गए।
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इधर घटनास्थल पर मौजूद प्रदेश कांग्रेस सचिव अमीन मेमन ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सांसद मोहन मंडावी का लोकसभा क्षेत्र है, उन्हें संवेदनशीलता दिखाते हुए वाहन से उतरकर घटना के बारे में पूछताछ करना चाहिए था। वे 5 मिनट तक घटनास्थल के पास ही वाहन पर बैठे रहे जाम खुलने का इंतजार करते रहे, लेकिन वाहन से नहीं उतरे। एक जनप्रतिनिधि में आम नागरिक के प्रति जो संवेदनशीलता दिखनी चाहिए वो नहीं दिखा।