नई दिल्ली: लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया। बिल पर तीखी बहस के बाद विपक्ष की ओर से इसे सेलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव आया। लेकिन वो गिर गया। उसके बाद कई संशोधन प्रस्ताव भी आए। लेकिन एक भी नहीं टिक सका। उसके बाद आखिर में बिल पर वोटिंग की गई। जिसमें शिवसेना ने इसबार समर्थन करने की बजाए वॉक आउट किया। दो और पार्टियां बीएसपी और एनसीपी ने भी वॉकआउट कर सरकार का काम आसान कर दिया। वोटिंग में बिल के पक्ष में 125 जबकि विपक्ष में 105 वोट पड़े। इस तरह राज्यसभा में भी ये बिल पास हो गया। अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। नागरिकता बिल पास होने से कांग्रेस बौखला गई है.. सोनिया गांधी ने इसे काला दिन बताया है।
बता दें कि राज्यसभा में कुल सदस्य 245 हैं। लेकिन फिलहाल पांच सीटें रिक्त हैं। जिसके चलते राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 240 है। लेकिन स्वास्थ्य कारणों की वजह से 5 सांसद फिलहाल सनद की कार्यवाही से अनुपस्थित हैं। ऐसे में सदन के सदस्यों की कुल संख्या घट कर सिर्फ 235 रह गई। लेकिन वोटिंग में कुल 230 वोट ही पड़े जिस वजह से बिल आसानी से पारित हो गया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल पेश करने के बाद कहा कि इस सदन के सामने एक ऐतिहासिक बिल लेकर आया हूं, इस बिल के जो प्रावधान हैं उससे लाखों-करोड़ों लोगों को फायदा होगा। अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यक रहते थे, उनके अधिकारों की सुरक्षा नहीं होती थी उन्हें वहां पर समानता का अधिकार नहीं मिला था। जो अल्पसंख्यक धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत में आए, उन्हें यहां पर सुविधा नहीं मिली. पाकिस्तान में पहले 20 फीसदी अल्पसंख्यक थे, लेकिन आज 3 फीसदी ही बचे हैं। इस बिल के जरिए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को रियातत मिलेगी।
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