बीजिंग: चीन का तानाशाही रवैध दुनिया के सामने आ रहा है, एक के बाद एक चीन कई मामलों में तानाशाही फैसले ले रहा है। ऐसा ही एक मामला और सामने आया है, जहां एक व्यापारी को राजनीतिक मुद्दों पर मुखरता से अपनी राय रखने के चलते एक कारोबारी रेन झिकियांग को 18 साल जेल की सजा सुनाई गई है। रेन झिकियांग ने 4 आरोपों में अपनी गलती मानी थी, जिसके बाद उन्हें यह सजा सुनाई गई। इसके अलावा रेन झिकियांग को चीनी राष्ट्रपति की आलोचना करने के जुर्म में 4.2m युआन का जुर्माना भी भरना होगा। चीन में ऐसा पहला मामला नहीं है जब राजनीतिक मुद्दों पर मुखरता दिखाने पर कार्रवाई की गई है।
मिली जानकारी के अनुसार कारोबारी रेन झिकियांग ने बीते दिनों राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आलोचना करते हुए एक आर्टिकल लिखा था। लेकिन इस आर्टिकल के पब्लिश होने के बाद से वे गायब थे। हालांकि उन्होंने इसमें सीधे तौर पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का नाम नहीं लिया था परन्तु ऐसा माना जा रहा है उनका निशाना जिनपिंग पर ही था। रेन झिकियांग को कम्युनिस्ट पार्टी के विचारों का विरोधी माना जाता है। रेन झिकियांग ने कोरोनावायरस महामारी के नियंत्रण को लेकर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर निशाना साधा था।
कारोबारी को सजा दिए जाने के बाद अब ये कहा जा रहा है कि उन्हें इतनी लंबी सजा दिए जाने की वजह यही है कि उन्होंने शी जिनपिंग की आलोचना की थी। समर्थकों का कहना है कि रेन को सजा के जरिए शी जिनपिंग प्रशासन ने एक तरह से अपने विरोधियों को चेतावनी देने की कोशिश की है। यह भी कहा जा रहा है कि रेन झिकयांग ने आरोपों को स्वीकार लिया है और वह कोर्ट के निर्णय को चुनौती नहीं देंगे।
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