रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 1 मार्च को अपनी सरकार का तीसरा बजट विधानसभा में पेश करेंगे। बजट से हर वर्ग को कुछ ना कुछ मिलने की उम्मीद है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण चुनौतियां भी कम नहीं है। हालांकि राज्य सरकार पूरी कोशिश में लगी हुई है कि सभी सेक्टरों के डेवलपमेंट के लिए बजट निकाली जाए। चर्चा है कि सरकार इस बार बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ मानसिक और शारीरिक विकास के लिए अलग से चाइल्ड बजट ला सकती है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि कैसा रहेगा भूपेश सरकार का बजट? किन सेक्टर्स को मिलेगी तवज्जो? प्रदेश की जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरेगी सरकार?
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भूपेश सरकार 1 मार्च को अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश करेंगे। बजट से हर वर्ग को कुछ ना कुछ मिलने की उम्मीद है। हालांकि सरकार के लिए 2021-22 का बजट चुनौतियों से भरा होगा। दरअसल पूरी दुनिया के अर्थव्यवस्था को चौपट करने वाले कोरोना से छत्तीसगढ़ भी अछूता नहीं है, लेकिन छत्तीसगढ़ आर्थिक सर्वेक्षण की 2020-21 की रिपोर्ट थोड़ी राहत देने वाली है। जहां देश का जीडीपी विकास दर माइनस 7.73 प्रतिशत रहा, वहीं छत्तीसगढ़ में ये आंकड़ा माइनस 1.77 प्रतिशत रहा। जबकि कृषि और सेवा क्षेत्र के आंकड़े माइनस पर नहीं रहे।
कुल मिलाकर खेती-किसानी के क्षेत्र में बेहतर काम के कारण कोरोना ने राज्य की आर्थिक स्थिति का प्रभावित नहीं कर पाया। इसलिए राज्य सरकार वर्ष 2021-22 के बजट में सबसे ज्यादा फोकस कृषि के क्षेत्र में करने जा रही है। उम्मीद है कि कृषि के क्षेत्र में सरकार कुछ योजनाएं लाएगी जिससे न कि इस क्षेत्र के कारण आर्थिक व्यवस्था बेहतर हो साथ ही रोजगारमूलक हो। धान की खरीदी निर्बाध तरीके से होती रहे और राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि किसानों को मिलती रहे इसके लिए राज्य़ सरकार की केन्द्र से सीधी लड़ाई जारी है। सत्ता पक्ष का दावा है कि कोरोना काल में राज्य सरकार ने बहुत अच्छा काम किया।
2020-21 में भूपेश सरकार ने 94 हजार करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। इस सत्र में सरकार ने तीन बार अनुपूरक बजट पेश किया, इस तरह कुल बजट एक लाख 2 हजार करोड़ के करीब पहुंच गया। 2021-22 का बजट भी इसी के ईद-गिर्द रहने की उम्मीद है और सरकार इसी बजट से हर वर्ग और क्षेत्र के लोगों को विकास करना चाहेगी। स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र के साथ चुनावी घोषणापत्र के वादों पर सरकार बड़े फ़ैसले ले सकती है। हालांकि विपक्ष के मुताबिक उन्हें इस बार के बजट से कोई उम्मीद नहीं है।
बहरहाल साल 2021-22 के लिए छत्तीसगढ़ के बजट के लिए पूरी तैयारी हो चुकी है। कोरोना वायरस से जारी जंग के साथ प्रदेश की जनता को रियायतों का इंतजार है। ऐसे में उनके उम्मीदों पर कितना खरा उतरती है सरकार? ये तो सोमवार को साफ हो जाएगा। लेकिन जाते-जाते आपको हर वर्ग की प्रमुख मांगों के साथ छोड़े जाते हैं।