मुंबई। यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय की जांच के मुताबिक कपूर ने कंपनियों को लोन देने के एवज में लिए करीब 600 करोड़ की रिश्वत ली है। सीबीआई ने कपूर को हिरासत में ले लिया है। मुंबई की एक कोर्ट ने उन्हें तीन दिनों की रिमांड पर भेज दिया है। बीते साल जनवरी में उन्हें रिजर्व बैंक (RBI) के आदेश पर चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) का पद छोड़ना पड़ा था। इसके बाद राणा कपूर लंदन चले गए थे। राणा का लंदन से लौटना चौंकाता है। दरअसल राणा को पता था कि यस बैंक में कई तरह की गड़बड़ियां हुई हैं और भारत में उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा। बावजूद इसके वो भारत कैसे वापस आ गए। दरअसल राणा की भारत वापसी आसान नहीं थी। मोदी सरकार और आरबीआई ने इसके लिए बकायदा प्री प्लानिंग की थी।
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मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक राणा कपूर के हटने के बाद सरकार ने डूबते यस बैंक को बचाने काएक्शन प्लान तैयार किया था। मोदी सरकार चाहती थी कि बैंक का जनता का भरोसा पर बना रहे। इसके लिए मोदी सरकार और आरबीआई ने नए इनवेस्टर की तलाश शुरू कर दी। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो बीते आठ महीनों में आरबीआई की तीन अलग-अलग निवेशकों से बात हुई, लेकिन हर बार आखिरी मौके पर डील होते-होते रह गई। इस बीत ये बात भी सामने आई की यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर ही निवेशकों को बरगला रहे थे। सच तो ये है कि राणा कपूर चाहते थे कि एक बार फिर वही बैंक के कर्ताधर्ता बनें। लंदन में बैठे राणा के हर कदम पर सरकार की नजर थी।
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विजय माल्या-नीरव मोदी केस में किरकिरी के बाद मोदी सरकार हर हाल में राणा को भारत वापस लाना चाहती थी । इसके लिए प्लान तैयार किया गया। जिसके मुताबिक मोदी सरकार ने राणा को बताया कि उन्हें बैंक के लिए कोई नया निवेशक नहीं मिल रहा है। ऐसे में वह चाहे तो भारत वापस आकर एक बार फिर से बैंक की कमान संभाल सकते हैं। लेकिन राणा जैसे ही भारत वापस आए सारी एजेंसियों ने उन पर शिकंजा कस लिया । सरकार ने ये सुनिश्चित किया गया कि वो भारत से दोबारा भाग न सके।
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इस बीच राणा कपूर को इस बात की भनक लग गई कि सरकार और आरबीआई ने यस बैंक की कमान उन्हें नहीं सौंपेगे। सरकार यस बैंक को फिर खड़ा करने का प्लान भी तैयार कर रही है। ऐसे में एक बार फिर से कपूर देश छोड़ने की तैयारी करने लगे। मुंबई के जिस पॉश बिल्डिंग में कपूर रहते थे वहां के गार्ड ने इसकी जानकारी जांच एजेंसियों को दे दी। 14 मार्च को बैंक की बोर्ड मीटिंग होनी थी। इसी दिन बैंक के तिमाही नतीजे भी आने थे। खराब नतीजों से देश की इकॉनमी पर बुरा असर पड़ता। सरकार भी पशोपेश में थी कि आखिर राणा कपूर को कब गिरफ्तार किया जाए। उनकी पहले गिरफ्तारी से बैंक के ग्राहकों में अश्विास का माहौल बन जाता। लिहाजा सरकार ने यस बैंक को फिर से खड़ा करने का ऐलान करते ही राणा कपूर को गिरफ्तार कर लिया।
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