दक्षिण भारत में ब्रह्मोस से लैस सुखोई-30 MKI स्क्वॉड्रन टाइगर शार्क तैनात, सीडीएस बोले- तीनों सेनाएं हैं तैयार | BrahMos-equipped Sukhoi-30 MKI Squadron Tiger Shark deployed in South India

दक्षिण भारत में ब्रह्मोस से लैस सुखोई-30 MKI स्क्वॉड्रन टाइगर शार्क तैनात, सीडीएस बोले- तीनों सेनाएं हैं तैयार

दक्षिण भारत में ब्रह्मोस से लैस सुखोई-30 MKI स्क्वॉड्रन टाइगर शार्क तैनात, सीडीएस बोले- तीनों सेनाएं हैं तैयार

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:58 PM IST
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Published Date: January 21, 2020 4:15 am IST

तमिलनाडु। सीडीएस बिपिन रावत के नेतृत्व में वायुसेना ने दक्षिण भारत में ब्रह्मोस से लैस सुखोई-30 एमकेआई स्क्वाड्रन को एयरबेस में तैनात किया है। टाइगर शार्क हिंद महासागर में निगरानी करेगा। दक्षिण भारत में यह भारत की पहली लड़ाकू विमानों की स्क्वॉड्रन है।

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एयर टू एयर री-फिलिंग वाले और ब्रह्मोस मिसाइल से लैस सुखोई की मौजूदगी आईओआर में भारत के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है।

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रावत के मुताबिक दक्षिणी इलाके में तंजावुर की स्थिति सैन्य दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहां फाइटर जेट स्क्वाड्रन की मौजूदगी नौसेना और सेना के लिए बेहद करीबी और मजबूत मदद मुहैया कराएगी। इस जगह से हम समुद्र में राज कर सकते हैं।

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सुखोई-30 MKI की खासियत

सुखोई-30 एमकेआई 2400 किमी/घंटे से ज्यादा की रफ्तार से 5 हजार किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। 18 हजार किलोग्राम वजन उठा सकने में सक्षम ये विमान एयर टू एयर री-फिलिंग के चलते अपनी रेंज को और ज्यादा बढ़ा सकता है। बमबारी के साथ ब्रह्मोस से लैस। इसीलिए इसे आईओआर में भारत के लिए गेमचेंजर माना जा रहा है।

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सुखोई-30 एमकेआई सभी मौसम में ऑपरेट करने वाला फाइटर जेट है। यह मल्टीरोल कॉम्बैट जेट जल, थल और नभ सभी जगहों से ऑपरेशनों को अंजाम दे सकता है। तंजावुर से यह नौसेना और थल सेना को मदद मुहैया करा सकता है।

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रक्षा मंत्रालय ने कहा कि स्क्वॉड्रन 222 के ऑपरेशनल होने के साथ ही दक्षिणी एयर कमांड एरिया में वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा। यह दक्षिण भारत में हिंद महासागर में हमारी कम्युनेशन सी लाइंस की रक्षा करेगी। इसके साथ ही हमारे द्वीपों को भी सुरक्षित रखेगी।

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