बेटी तो बेटी होती है..
कोख से किसी के भी जन्मे..
अदिति आकृति सुकृति शक्ति..
रचना रागिनी माधुरी भक्ति..
नाम चाहे कुछ भी रख लो..
पराए को बहू और..
अपनी को बेटी कह लो..
पर इस नवरात्रि में एक प्रण ले लो..
नौ दुर्गा की नौ स्वरूपा है बेटी..
हर घर की मान-सम्मान है बेटी..
अपनी बहू भी अपनी ही है बेटी..
तेरी मेरी हम सबकी बेटी..
– अंशुमान शर्मा, आउटपुट हेड, IBC24
नेता गुंडे बनते हैं या गुंडे नेता
4 weeks ago