नई दिल्ली। वतर्मान समय में शहरी के साथ ग्रामीण घरों के किचिन में गैस-सिलेंडर एक आवश्यक ईंधन स्त्रोत है । गैस सिलेंडर के उपयोग में यथोचित सावधानी बरतनी चाहिए लेकिन यदि सिलेंडर में किसी अन्य कारण से विस्पोट हो जाता है तो इसके लिए मोदी सरकार ने देश की जनता के लिए एक नया प्लान बनाया है। इस प्लान में गैस सिलेंडर फटने पर सरकार आपको 50 लाख तक हर्जाना उपलब्ध करायेगी।
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मोदी सरकार की योजना के मुताबिक यदि घरेलू उपयोग का गैस सिलेंडर से किसी भी तरह की दुर्घटना हो जाती है तो सरकार आपको 50 लाख रुपए तक का मुआवजा उपलब्ध करायेगी। दरअसल हम में से बहुत से लोगों को इस बारे में जानकारी ही नहीं है कि गैस सिलेंडर के फटने या लीक होने पर पीड़ित को हर्जाना दिया जाता है। अगर आपके सिलेंडर में किसी भी तरह का लीकेज होता है ब्लास्ट होता है तो इसकी जिम्मेदारी कंपनी की होती है।
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राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम ने कुछ साल पहले एक नियम लागू किया था कि अगर गैस सिलेंडर डीलर ने आपेक घर त्रुटियुक्त सिलेंडर की आपूर्ति की है तो आपको उसे समय पर वापस कर देना चाहिए। इसके साथ ही आपको सिलेंडर लेने से पहले चेक कर लेना चाहिए कि वह ठीक है या नहीं। यदि दुर्घटना होती है तो बीमा राशि का दावा करने के लिए उपभोक्ता की ओर से एलपीजी कनेक्शन जिस पते पर लिया गया है। उसी पते पर सिलेंडर फटने से दुर्घटना होना जरूरी है। गैस उपभोक्ता दुर्घटना के समय रेगुलेटर और अन्य सामान संबंधित एजेंसी का ही इस्तेमाल कर रहा हो और वह ISI मार्का का होना जरुरी है।
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बीमा राशि का क्लेम करने के लिए दुर्घटना के बाद गैस एजेंसी और पुलिस को तत्काल सूचित किया जाना चाहिए। इसके बाद गैस एजेंसी संबंधित बीमा कंपनी को सूचित कर देती है। बीमा कंपनी का कर्मचारी दुर्घटनास्थल पर जाकर क्षति का आंकलन करने के बाद बीमा कंपनी को रिपोर्ट बनाकर देता है। इसके बाद बीमा कंपनी निर्धारित करती है कि नुकसान कितना हुआ है। सिलेंडर फटने से मौत होने की स्थिति में कोर्ट मृतक की आयु व नौकरी के हिसाब से मुआवजा तय करता है। पूरी प्रक्रिया के बाद उपभोक्ता को बीमा की राशि प्रदान की जाती है।
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घरेलू एलपीजी के इस्तेमाल करते समय होने वाले हादसों के लिए मुआवजे की व्यवस्था है। गैस कनेक्शन खरीदने के साथ ही उपभोक्ता उसकी संपत्ति का बीमा निर्धारित हो जाता है। मुआवजा तब मिलता है जब गैस सिलेंडर फटने से कोई हादसा हो। इसके लिए कुछ जरूरी शर्ते भी तय की गई हैं। उपभोक्ताओं को उनका पालन करना पड़ता है। मुआवजे की राशि हादसे से होने वाले नुकसान पर निर्भर करती है।
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