फ्लोर टेस्ट में बीजेपी की किरकिरी से संगठन नाराज, पूर्व सीएम-प्रदेशाध्यक्ष को किया तलब | BJP's defeat in the floor test Organization angry Former CM-State President summoned

फ्लोर टेस्ट में बीजेपी की किरकिरी से संगठन नाराज, पूर्व सीएम-प्रदेशाध्यक्ष को किया तलब

फ्लोर टेस्ट में बीजेपी की किरकिरी से संगठन नाराज, पूर्व सीएम-प्रदेशाध्यक्ष को किया तलब

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:34 PM IST
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Published Date: July 24, 2019 4:52 pm IST

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट में फेल होने के और दो विधायकों के पाला बदलने के बाद बीजेपी हरकत में आ गई है। विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के बाद BJP संगठन नाराज़ है। संगठन मंत्री सुहास भगत से शिवराज सिंह चौहान
और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को तलब किया है। संगठन मंत्री सुहास भगत नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव से भी जवाब तलब कर सकते हैं। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज के घर आपात बैठक बुलाई गई थी ।बैठक में फ्लोर मैनेजमेंट फेल होने को लेकर समीक्षा की गई है। बैठक में 20 से ज्यादा विधायक शामिल हुए थे। शिवराज के आवास पर बुलाई इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद रहे। बैठक में फ्लोर टेस्ट में नाकाम रहने के कारणों पर मंथन किया गया है । वहीं इस बैठक के बाद संगठन मंत्री सुहास भगत ने शिवराज और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को तलब किया है।

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बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा में बुधवार को दंड विधि संशोधन विधेयक पर मत विभाजन में भाजपा के दो विधायकों नारायण त्रिपाठी (मैहर) शरद कौल (ब्यौहारी) ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर सरकार की नीतियों से सहमति जताई है। साथ ही बार बार अल्पमत की सरकार कहने वाले भाजपा के नेताओं को आइना भी दिखाया है।

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ज्ञात हो कि गौ-रक्षकों के नाम पर गुंडागर्दी कर रहे लोगों पर लगाम कसने गौवंश वध प्रतिशेध संशोधन विधेयक 2019 प्रस्तुत किया। इस दौरान सदन में मौजूद भाजपा विधायक बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी और विधायक शरद कौल ने ना केवल क्रॉस वोटिंग की बल्कि सीएम कमलनाथ के पक्ष में बयान भी दिया। दोनों विधायकों ने कमलनाथ को विकास पुरुष बताते हुए अपना समर्थन देने की बात कही है। इस विधेयक के तहत दोषी व्यक्ति को 3 साल तक की सजा हो सकती है। प्रदेश विधान सभा में बुधवार को गौवंश वध प्रतिशेध संशोधन विधेयक 2019 पास हो गया।

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दोनों विधायक कांग्रेस से भाजपा में हुए थे शामिल
ज्ञात हो कि 2014 लोकसभा चुनाव से दो दिन पहले मैहर से कांग्रेस विधायक नारायण त्रिपाठी ने भाजपा पार्टी से नाराज होकर भजापा में प्रवेश कर लिया था। इसके बाद 2016 के उप चुनाव में भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस के मनीष पटेल को 28282 मतों से हराया। नारायण त्रिपाठी 2005 में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष भी रहे। वहीं, एक समय में कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र के विधायक शरद कौल ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के रामपाल स‍िंह 32450 वोटों से हराया था। अब वे कांग्रेस में वापसी करने की राह पर हैं।

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