भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में महापौर आलोक शर्मा को जानकारी दिए बगैर लड़कियों की कोचिंग के सामने गुमटियां रखने के फैसले को लेकर अब बीजेपी भी मैदान में उतर आई है। बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने भोपाल कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर को नसीहत दी है कि नगर निगम सीमा में होने वाले फैसले महापौर की राय के बाद ही लें।
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बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि महापौर की अनदेखी कर कलेक्टर और निगम कमिश्नर को कोई निर्णय नहीं करना चाहिए। अगर अफसरों को ऐसा ही करना है तो सारे नगर निगमों के साथ विधायिका भंग कर देना चाहिए। इसके बाद अपने निर्णय चला सकते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि अधिकारी किसी गफलत में भी नहीं रहें। जनप्रतिनिधियों की गैर मौजूदगी में लिए गए फैसले अफसरों की ड्यूटी का हिस्सा नहीं हैं।
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आपको बता दे लड़कियों की कोचिंग के आगे गुमटियां रखने का फैसला जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस अफसरों ने बैठक कर लिया था। लेकिन इस बैठक में किसी भी जनप्रतिनिधि के साथ महापौर तक को नहीं बुलाया गया था। गुमटियां रखी होने पर लड़कियां महापौर से मिलने पहुंची तो महापौर ने कलेक्टर को फोन लगाकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि, शासन लड़कियों की सुरक्षा से खिलवाड़ क्यों कर रहा है। ऐसे फैसलों में कम से कम एक बार जनप्रतिनिधियों की राय तो ली जाना चाहिए।