बीजेपी सांसद को ट्रेनों में मसाज की सेवा से आपत्ति, रेल मंत्रालय को लिखा पत्र, कहा- भारतीय संस्कृति का अपमान | BJP MP objected to service of massage in trains, letter written to the Ministry of Railways, said - insult of Indian culture

बीजेपी सांसद को ट्रेनों में मसाज की सेवा से आपत्ति, रेल मंत्रालय को लिखा पत्र, कहा- भारतीय संस्कृति का अपमान

बीजेपी सांसद को ट्रेनों में मसाज की सेवा से आपत्ति, रेल मंत्रालय को लिखा पत्र, कहा- भारतीय संस्कृति का अपमान

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:29 PM IST
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Published Date: June 13, 2019 5:34 am IST

इंदौर। भारतीय रेल के इतिहास में पहली बार यात्री अब ट्रेन में सफर के दौरान मसाज की सुविधा का भी आनंद ले सकेंगे, लेकिन जब से इसकी घोषणा हुई है, कई समाज के वर्गों में इसके विरोध के स्वर भी तेज हो गए है। इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने अपनी पहली चिट्‌ठी में सरकार को घेरते हुए एक पत्र रेल मंत्री को लिखा है और मसाज के बदले मेडिकल, डॉक्टर और अन्य यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।

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दरअसल इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने अपनी पहली चिट्‌ठी रेल मंत्री पीयूष गोयल को लिखी है, और चिठ्ठी के बहाने अपनी ही सरकार को घेरने की कोशिश की है, जिसमें उन्होंने ट्रेन में यात्रियों के लिए शुरू की जा रही मसाज की सुविधा पर आपत्ति की है। लालवानी ने पत्र में लिखा है कि चलती गाड़ियों में महिलाओं के समक्ष इस प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाना क्या भारतीय संस्कृति के मानकों के अनुरूप होगा। शंकर लाललानी ने कहा कि ये भारतीय संस्कृति का अपमान है। रेलवे सलाहकार समिति से जुड़े सदस्यों ने भी इस पर नाराजगी जताई है।

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लगातार महिला संगठनों से मिले फीडबैक के बाद लालवानी ने केंद्र सरकार के समक्ष चिठ्ठी लिखी है। रतलाम मंडल के अंतर्गत चलने वाली इंदौर से 39 ट्रेनों में मसाज और हेड मसाज कराये जाने का निर्णय लिया गया है, मसाज का चार्ज भी रीनेबल होगा, मात्र सिर या पैरों की मसाज कराने के लिए यात्रियों को 100 रुपए देने होंगे। रेलवे ने इंदौर के प्लेटफॉर्म-5 और 6 पर मसाज सेंटर के खोलने पर भी एतराज जताया है।

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सांसद लालवानी के मुताबिक रेलवे को तुरंत इस निर्णय को वापस लेना चाहिए, इसके बदले ट्रेनों के कोचों के रखरखाव के साथ ही मेडिकल, डॉक्टर और अन्य यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराई जाना चाहिए। वहीं दूसरी ओर रेलवे के अधिकारी इसे एक बेहतर उपयोगिता बता रहे हैं, और इस फैसले पर खुशी जाहिर कर रहे हैं। मगर अब देखना ये होगा कि सांसद शंकर लालवानी के पहले पत्र से कितना भूचाल केंद्र सरकार में आता है। क्या वाकई रेल मंत्री इस सम्बन्ध में कुछ कदम उठा पाएंगे?

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