नईदिल्ली। बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने लोकसभा में दावा किया है कि दिल्ली हिंसा एक सोची समझी साजिश के तहत हुई। उन्होंने सीधा कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह वोट बैंक की राजनीति के लिए ऐसा कर रही है। उन्होने कहा कि दिल्ली में हिंसा भड़काने के लिए महीनों से तैयारी चल रही थी। लेकिन गृहमंत्री ने 36 घंटे में ही इस पर रोक लगा दी।
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उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में जो कुछ हुआ, वह दंगा नहीं बल्कि सोची-समझी साजिश का हिस्सा था। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इतने सालों तक पाकिस्तान में बसे अल्पसंख्यकों को यहां शरण देने के लिए कोई काम नहीं किया, लेकिन नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के नाम पर लोगों को भड़काया। लेखी ने कहा कि सीएए के विरोध से ही पूरा घटनाक्रम शुरू हुआ।
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उन्होंने कहा कि सारे नेता सीएए कानून को अच्छी तरह से समझते हैं, लेकिन वोट बैंक की राजनीति के लिए जनता को भड़का रहे हैं। उन्होंने कहा कि वोट-बैंक की राजनीति के लिए यह सब किया जा रहा है जो 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद से समाप्त हो गई है।
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लेखी ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा पर दंगा भड़काने वाला बयान देने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दिसंबर में दिल्ली में कांग्रेस की रैली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरपार की लड़ाई वाला बयान दिया, जिसके बाद शाहीन बाग में लोग धरने पर बैठने लगे। भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि उनके बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने भी उत्तेजना वाले बयान दिए।
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उन्होंने कुछ आप नेताओं, एआईएमआईएम के एक नेता और जेएनयू के छात्र नेताओं का नाम लेते हुए कहा कि उन्होंने ऐसे भड़काऊ बयान दिये लेकिन उनकी विपक्ष बात नहीं कर रहा। लेखी ने भाजपा सांसदों अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा पर भड़काऊ बयान के आरोपों की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनके बयान का दिल्ली हिंसा से कोई लेनादेना नहीं दिखता।
उन्होंने दावा किया कि आंकड़ों के अनुसार आजादी के बाद देश में कुल 1194 दंगों में से 871 दंगे यानी 73 प्रतिशत दंगे पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सरकारों समेत कांग्रेस के शासनकाल में हुए। लेखी ने कहा कि देश के इतिहास में 18 सबसे भयावह दंगे कांग्रेस और उनके सहयोगियों के शासनकाल में हुए और केवल एक दंगा गुजरात में (भाजपा शासन में) हुआ। भाजपा सांसद ने कहा कि गुजरात में इससे पहले हर साल दंगे होते थे, लेकिन 2002 के बाद वहां एक भी दंगा नहीं हुआ।
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उन्होंने दिल्ली हिंसा को काबू पाने में गृह मंत्री अमित शाह की सक्रियता का उल्लेख करते हुए कहा, ‘गृहमंत्री आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश को मजबूत करने के अपने काम में लगे रहें। बहुसंख्यक चुप हैं लेकिन आपके साथ चट्टान की तरह खड़े हैं।’
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