भोपाल । राजनीति में हर समय नए समीकरणों का बनना या पुराने समीकरणों का बिगड़ना कोई नई बात नहीं है। अटकलों का बाजार तब और गर्म होता है जब महीनों बाद किसी नेता की सक्रियता…किन्हीं नेताओं के बीच मेल-मुलाकात का दौर शुरू होता है। मध्यप्रदेश बीजेपी में भी इन दिनों कुछ ऐसा ही हो रहा है। पार्टी के 3 दिग्गज नेताओं की प्रदेश भाजपा नेताओं से बंद कमरे में हो रही मुलाकातों के सियासी गलियारे में मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि पार्टी और नेता इसे सामान्य शिष्टाचार मुलाकातें बताने में पूरा जोर लगा रहे हैं, तो विपक्ष इसके हर सिरे पर बारीक नजर रखे हैं।
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वैसे तो सियासी गलियारों में नेताओं का मेल मिलाप और मुलाकात आम बात है। मध्यप्रदेश में पिछले 72 घंटे में कई ऐसी तस्वीर सामने आई, जिन्हें लेकर अब सूबे की सियासत में अटकलों का बाजार गरम है। सबके मन में सवाल यही है कि आखिर बंद कमरों में इनके बीच क्या बात हुई..? दरअसल पिछले 72 घंटे की सियासत में एक के बाद एक कई मुलाकातें हुई हैं। इसके केंद्र बिंदु में पार्टी के तीन दिग्गज नेता है, जिनमें राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय.. केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और नरोत्तम मिश्रा हैं। अचानक इन नेताओं की सक्रियता के अब सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। हालांकि सभी इसे एक सामान्य मुलाकात बता रहे हैं।
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फिलहाल ये तीनों नेता राजधानी दिल्ली से लेकर भोपाल के गलियारों में सक्रिय हैं। हालांकि इन नेताओं की मुलाकात को सामान्य मुलाकात जताने की कोशिश की जा रही है। पर राजनितिक विश्लेषक इन मुलाकातों को लेकर भविष्य की और इशारा कर रहे हैं। सूबे की सियासत में कैलाश विजयवर्गीय भी लंबे समय बाद सक्रिय हुए हैं, लिहाजा उनकी सक्रियता से हलचल मची हुई है, जिसको लेकर विपक्ष भी निगाह बनकर रखे हुए है ।
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कैलाश विजयवर्गीय जिस तेजी से सक्रिय हुए उसकी वजह से उनके विरोधियों के कान खड़े हो गए हैं। इन तीनों ही बड़े नेताओं के साथ ही इस बीच राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश के तीन दिवसीय दौरे ने भी राजनैतिक हलचल बढ़ाने में योगदान दिया है। फिलहाल ये तो भविष्य के गर्भ में है कि इन मेल-मुलाकतों में कौन सी खिचड़ी पकाई जा रही है, लेकिन प्रदेश भाजपा व सत्ता के गलियारों में कई तरह के कयास जरुर लगने लगे हैं।
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