Bijapur Naxalite attack: वेतन पाने वाले जवानों को शहीद कहना सही नहीं, लेखिका ने दिया विवादित बयान, हुई गिरफ्तार | Bijapur Naxalite attack: It is not right to call paid soldiers as martyrs, the writer gave a controversial statement, arrested

Bijapur Naxalite attack: वेतन पाने वाले जवानों को शहीद कहना सही नहीं, लेखिका ने दिया विवादित बयान, हुई गिरफ्तार

Bijapur Naxalite attack: वेतन पाने वाले जवानों को शहीद कहना सही नहीं, लेखिका ने दिया विवादित बयान, हुई गिरफ्तार

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:44 PM IST
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Published Date: April 7, 2021 8:45 am IST

गुवाहाटी। असम की एक लेखिका सोमवार को अपने फेसबुक पर लिखा था, “वेतन पाने वाले पेशेवर, जो सेवा के दौरान जान गंवाते हैं, उन्हें शहीद नहीं माना जा सकता। इस तर्क से तो बिजली विभाग में काम करने वाला कर्मचारी, जो करंट लगने से मरता है, उसे भी शहीद का दर्जा मिलना चाहिए।” इस पोस्ट के बाद मंगलवार को गुवाहाटी पुलिस ने लेखिका को देशद्रोह और कई अलग-अलग आरोपों में गिरफ्तार कर लिया।

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दरअसल, शिखा सरमा नाम की इस महिला ने अपने एक फेसबुक पोस्ट में छत्तीसगढ़ में माओवादी हमले में मारे गए जवानों को शहीद मानने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वेतन पाने वाले पेशेवर, जो सेवा के दौरान जान गंवाते हैं, उन्हें शहीद का दर्जा नहीं दिया जा सकता। इसी बयान पर मिली शिकायत के बाद पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया।

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गुवाहाटी के पुलिस कमिश्नर मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने कहा कि शिखा सरमा पर आईपीसी की कई धाराएं लगाई गई हैं, इनमें देशद्रोह का मामला- आईपीसी 124ए भी जोड़ा गया है। शिखा को बुधवार को ही कोर्ट में पेश किया जाएगा।

शिखा सरमा के इस पोस्ट पर लोगों ने गुस्सा जताया। इसके बाद गुवाहाटी हाईकोर्ट के दो वकील- उमी डेका बरुआ और कंगकना गोस्वामी ने दिसपुर पुलिस स्टेशन में लेखिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। उन्होंने कहा, “यह हमारे सैनिकों के सम्मान की बड़ी बदनामी है। इस तरह के खराब बयान न सिर्फ हमारे जवानों के अद्वितीय बलिदान की तुलना पैसे बनाने से करते हैं, बल्कि यह इस देशसेवा की आत्मा और पवित्रता पर भी मौखिक हमले की तरह है।”

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बता दें कि तीन दिन पहले हुए हमले में छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 22 जवान शहीद हो गए हैं, नक्सलियों ने कोबरा यूनिट के एक जवान को बंधक बना कर रखा है, उसे छोड़ने की शर्त रखी है, माओवादियों ने मंगलवार को सरकार से कहा कि वह जवान को लेने के लिए वार्ताकार का नाम दें। इसके बाद हम जवान को छोड़ देंगे, तब तक वह हमारी सुरक्षा में सुरक्षित रहेगा। सीआरपीएफ की स्पेशल कोबरा यूनिट का जवान राकेश्वर सिंह मन्हास मुठभेड़ के बाद से ही गायब है।