नईदिल्ली। बीते 1 फरवरी को पेश किए गए बजट के बाद शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई। बजट में किसान, महिला, युवा, छात्रों के अलावा मध्यम वर्ग के लिए कई खास ऐलान किए गए, वहीं कॉरपोरेट सेक्टर को भी राहत दी गई, बावजूद इसके बजट से शेयर बाजार का तत्काल रिएक्शन ठीक नहीं रहा और एक दिन में निवेशकों के 3.46 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
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इसके पहले 31 जनवरी को सेंसेक्स इंडेक्स बीएसई पर लिस्टेड कुल कंपनियों का मार्केट कैप 1,56,50,981.73 करोड़ रुपये था, वहीं बजट के दिन यानी 1 फरवरी को मार्केट कैप घटकर 1,53,04,724.97 करोड़ रुपये पर आ गया, इस लिहाज से सिर्फ एक कारोबारी दिन में निवेशकों को 3.46 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।
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बजट के दिन सेंसेक्स में 10 साल की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई, कारोबार के अंत में सेंसेक्स 987.96 अंक या 2.43 फीसदी के नुकसान से 39,735.53 अंक पर बंद हुआ, इसी तरह निफ्टी 300.25 अंक या 2.51 फीसदी टूटकर 11,661.85 अंक पर आ गया। हालाकि शनिवार को साप्ताहिक अवकाश के दिन शेयर बाजार में कारोबार नहीं होता है, लेकिन इस बार आम बजट की वजह से बाजार खुला था।
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बताया जा रहा है कि शेयर बाजार में गिरावट की सबसे बड़ी वजह बजट में डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स/लाभांश वितरण कर (डीडीटी) को हटाना है, सरकार ने कंपनियों को राहत देने के लिए डीडीटी हटा दिया है। लेकिन बजट में शेयरधारकों को डीडीटी पर कोई राहत नहीं दी गई है, यही वजह है कि शेयरधारकों में निराशा का माहौल है।
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