मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री में जारी नेपोटिज्म की चर्चाओं के बीच बिग बॉस 11 की विनर शिल्पा शिंदे ने भी अपनी बात रखी है। शिल्पा शिंदे ने कहा नेपोटिज्म हर फील्ड में है और भेदभाव तो हर जगह होता ही है, जिसे मैं खुद सीरियल भाबीजी घर पर हैं के वक्त झेल चुकी हूं। उन्होने कहा अब एक्टर का बेटा एक्टर ही बनेगा, डॉक्टर का बेटा डॉक्टर ही बनेगा ना, किस नेपोटिज्म की बात कर रहें है लोग मुझे समझ नहीं आता।
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शिल्पा ने कहा, “मैं तो एक बेस्ट एक्जाम्पल हूं, मुझे कहा जाता था इसके साथ काम मत करो। ग्रुप में काम चलता था, मैं इन सब चीजों को फेस कर चुकी हूं, चैनल और प्रोडक्शन हाउस ने मुझे बैन किया, मेरे साथ यही हुआ। मुझे 20-20 नोटिस आते थे कि तुम्हारी वजह से हमारा नुकसान हुआ है तुम पैसे दो, मैं भी बहुत परेशान थी भाबीजी घर पर हैं के वक्त जो भी हुआ मेरे साथ उससे।”
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शिल्पा ने बताया कि “इस दौरान मैंने सर दर्द की गोली 3-4 बार खाई थी और मैं 9 घंटे बस सो ही रही थी, मैं अपने घर पर छुपकर बैठी रहती थी, भाबीजी की प्रोड्यूसर ने बहुत तमाशा किया था और मैं बहुत परेशान हो चुकी थी, लेकिन कोई भी इसको नहीं समझ सकता।”
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शिल्पा का कहना है कि नेपोटिज्म हर एक फील्ड में है और वैसे भी जबतक इंसान जिंदा है तबतक कोई केयर नहीं करता, जब वो चला जाता है तब सब सहानुभूति दिखाने आते हैं, इंडस्ट्री की रियलिटी की बात करते हुए शिल्पा ने बताया “भेदभाव की बात करें तो फिल्म छोड़ो, टीवी के सीनियर एक्टर्स भी जूनियर्स पर सेनिओरिटी झाड़ते हैं।”
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