रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की हाफ बिजली बिल योजना से प्रदेश के लाखों घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को महंगाई के दौर में लाखों उपभोक्ताओं को राहत मिली है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक 38 लाख 68 हजार 462 बिजली उपभोक्ताओं को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 1645 करोड़ रुपए की घरेलू सब्सिडी दी गई है, या यह कह सकते है कि सीधे-सीधे लोगों की जेब में 1645 करोड़ रूपए की बचत हुई है।
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गौरतलब है कि देश के बिजली हब छत्तीसगढ़ में किसानों, गरीब परिवारों को रियायती दरों पर बिजली आपूर्ति की अनेक योजनाएं संचालित की जाती रही हैं। मार्च 2019 में नई सरकार द्वारा पहली बार घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए भी नई योजना शुरु की गई। हाफ बिजली बिल योजना के नाम से शुरु की गई इस योजना में घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के 400 यूनिट तक के बिल में आधे बिल की राशि में छूट दी गयी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ में 1 मार्च 2019 से प्रारंभ की गई हाफ बिजली बिल योजना में घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति माह 400 यूनिट तक की बिजली खपत पर प्रभावशील टैरिफ पर 50 प्रतिशत की छूट की पात्रता है। इस छूट के समतुल्य राशि राज्य शासन द्वारा विद्युत वितरण कंपनी को अनुदान के रूप में दी जाती है। वर्ष 2020-21 में जनवरी 2021 की स्थिति में राज्य शासन द्वारा 658 करोड़ रुपए की राशि इस योजना के लिए जारी की गई है। हॉफ बिजली बिल योजना में मार्च 2019 से अब तक की स्थिति में कुल 38 लाख 68 हजार 462 उपभोक्ता इस योजना का लाभ ले चुके हैं। मार्च 2019 से अब तक छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 1645 करोड़ रुपए की घरेलू सब्सिडी घरेलू उपभोक्ताओं को दी गई है।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में दिसंबर 2018 में गठित नई सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं की समस्याओं को पूरी संवेदनशीलता के साथ महसूस किया और ‘सबका साथ-सबका विकास’ की नीति पर अमल करते हुए राज्य के सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए 01 मार्च 2019 से ‘हाफ बिजली बिल योजना’ लागू की और अपना एक बड़ा वादा पूरा किया। ‘हाफ बिजली बिल योजना’ प्रदेश के लाखों घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए अप्रत्याशित और सुखद बदलाव की योजना साबित हो रही है। प्रदेश के लाखों घरेलू बिजली उपभोक्ताओं ने कभी ऐसी योजना की कल्पना भी नहीं की थी। योजना ने इस वर्ग के लोगों को बड़ी राहत प्रदान की है। उनके घरों का हजार रुपए का बिजली बिल कुछ सैकड़ों में सिमट गया। अब इन उपभोक्ताओं के लिए अपने घर का बिजली बिल पटाने में होने वाला खर्च आधा हो गया है, बचत राशि का उपयोग अब वे अन्य कार्यों में कर सकेंगे।