रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने शराबबंदी को लेकर बड़ा फैसला लिया है। राज्य कैबिनेट की बैठक में तत्कालीन बीजेपी सरकार के कार्यकाल में शराबबंदी के लिए गठित अध्ययन कमेटी को सिफारिश को खारिज कर दिया है। कैबिनेट में रिपोर्ट को हास्यापद बताया है। दरअसल, अध्ययन दल ने रिपोर्ट में कहा है कि शराब के काउंटर बढ़ाएं जाएं और कैश काउंटर को अलग रखा जाए। उनकी सिफारिश से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वो शराबबंदी करने के बजाए उसे बढ़ावा दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें तृतीय अनुपूरक बजट पर चर्चा हुई और राज्यपाल के अभिभाषण को मंजूरी दी गई। इसके अलावा मंत्रिमंडल की संख्या 15 फीसदी से बढ़ा कर 20 फीसदी करने का संकल्प लाया गया।
बैठक में तत्कालीन सरकार की आबकारी अध्ययन दल की रिपोर्ट पर चर्चा हुई। जिसे खारिज कर दिया गया है और शराबबंदी के लिए नया अध्ययन दल के गठन पर सहमति बनी है। बैठक में कृषि विभाग का नाम कृषि प्राद्योगिकी से बदलकर कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग रखने का फैसला लिया गया है। पिछले साल की तुलना इस बार 20 फीसदी ज्यादा धान खरीदी का लक्ष्य लखा गया है। पिछले साल 75 लाख मीट्रिक टन धान का खरीदी का लक्ष्य रखा गया था, उसे बढ़ाकर 85 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य रखा गया है।
एक अन्य फैसले में नान घोटाले की जांच के लिए SIT का गठन करने का फैसला लिया गया। जिन पेजों की जांच नहीं की गयी है, उसकी भी जांच ये एसआईटी करेगी। डायरी के 107 नंबर पेज पर दर्ज नामों की जांच करने का फैसला लिया है।