नई दिल्ली। भारत बायोटेक और विश्व स्वास्थ्य संगठन (who) की प्री-सबमिशन बैठक 23 जून को आयोजित होगी। WHO की ओर से ये जानकारी मिली है। बैठक में कई अहम विषयों पर चर्चा हो सकती है।
अमेरिका द्वारा कोवैक्सिन को इमरजेंसी अप्रूवल देने से मना किए जाने के बाद भारत बायोटेक ने अब बुधवार को अपने तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल का डेटा विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) को भेज दिया है। कोवैक्सिन को 14 देश इमरजेंसी अप्रूवल दे चुके हैं। अमेरिका सहित 50 देशों और WHO से इसे अप्रूवल मिलना बाकी है। सूत्रों के अनुसार, 23 जून को WHO इस पर विचार करेगा।
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6 वैक्सीन को मिला अप्रूवल
WHO की वेबसाइट के अनुसार कोवैक्सिन के अलावा फाइजर, एस्ट्राजेनेका, सिनोफार्म, मार्डना, सिनोवैक और जॉन एंड जॉनसन के अलावा भारत की कोविशील्ड को अप्रूवल मिल चुका है। कोविड टॉस्क फोर्स के चीफ डॉ. वीके पॉल के अनुसार, कोवैक्सिन के तीसरे फेज के ट्रायल का डेटा 7-8 दिन में जारी किया जाएगा। कंपनी इसे जुलाई तक जारी करने की उम्मीद लगाए है।
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विदेश यात्रा में दिक्कत थी
कोवैक्सिन को अभी तक जिन देशों में यानी अमेरिका आदि में इमरजेंसी अप्रूवल नहीं मिला है, वहां कोई भारतीय यात्रा नहीं कर सकता है।
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नए वेरिएंट पर असरकारक है कोवैक्सीन
भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन के क्लिनिकल ट्रायल फेज-1,2 और 3 के आंशिक ट्रायल को भारत में अच्छे से जांचा-परखा है। ग्लोबल लेवल पर 5 प्रतिष्ठित पीयर-रिव्यू जर्नल्स में एक साल की अवधि में कोवैक्सिन पर 9 रिसर्च स्टडीज पब्लिश हो चुकी हैं। भारत बायोटेक का दावा है कि कौवैक्सिन एक मात्र ऐसी वैक्सीन है, जिसने भारत में ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल से जुड़ा डेटा प्रकाशित कराया है। यह वैक्सिन कोरोना के ज्यादातर वेरिएंट पर असरकारक है।