आदिवासियों का पारंपरिक पर्व भगोरिया, संस्कृति का दर्शन करने सैलानियों का लगता है जमावड़ा | Bhagoria, a traditional tribal festival There is a crowd of tourists to see the culture.

आदिवासियों का पारंपरिक पर्व भगोरिया, संस्कृति का दर्शन करने सैलानियों का लगता है जमावड़ा

आदिवासियों का पारंपरिक पर्व भगोरिया, संस्कृति का दर्शन करने सैलानियों का लगता है जमावड़ा

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:03 PM IST
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Published Date: March 3, 2020 5:31 am IST

झाबुआ । भगोरिया पर्व आदिवासियों पारंपरिक पर्व है। इस भगोरिया पर्व का महत्व ऐसे समझा जा सकता है कि अनेक शिक्षित व नौकरीपेशा झाबुआ । आदिवासी समुदाय के लोग भी अपनी जड़ों की तरफ लौटते हैं। पलायन कर गए मजदूर भी भगोरिया पर्व के पहले घर की और लौटने लग जाते हैं। ऐसे लोग ना सिर्फ भगोरिया की मस्ती में रंगते है, बल्कि अपनी संस्कृति को बचाने की कोशिश भी करते हैं।

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समुदाय की युवतियां आज भी अपनी पारंपरिक वेशभूषा में भगोरिया हाट बाजार में आती हैं । आदिवासी संस्कृति से रूबरू होने के लिए अनेकों सैलानी आज भी झाबुआ और आलीराजपुर में आते हैं।

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झाबुआ जिले में प्रेम, वात्सल्य के साथ ढोल मांदल की थाप पर नाचते गाते आदिवासी समुदाय को देख कर मन बरबस नाचने लगता है। आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने प्रशासन भी विशेष व्यवस्थाएं करता है । भगोरिया पर्व वर्तमान में भी आदिवासी संस्कृति का एक हिस्सा बना हुआ है जो अपने अतीत की याद दिलाता है ।