रायपुर: कोरोना की बढ़ती रफ्तार के बीच छत्तीसगढ़ सकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द सभी लोगों को टीका लगे। 1 मई से 18 साल के ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगाया जाएगा। इसी बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वैक्सीनेशन अभियान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक और पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि वैक्सीन की कमी को देखते हुए सामाजिक और आर्थिक रुप से कमजोर वर्गो को प्राथमिकता दी जाए। इससे पहले भी सीएम भूपेश ने पीएम मोदी और केंद्र को अनेकों बार सुझाव भरे पत्र लिखे हैं, जिसे लेकर कांग्रेस-बीजेपी में जुबानी जंग भी होती रही है। बार-बार पत्र लिखने पर बीजेपी ने सीएम को पत्रजीवी की संज्ञा दी, तो वहीं कांग्रेस का दावा है कि सीएम के सुझाव जनहित से जुड़े रहते हैं, उसे केंद्र अनदेखी करता रहा है।
मिशन वैक्सीनेशन में 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीकाकरण के फैसले के साथ ही छत्तीसगढ़ और केंद्र के बीच खींचतान जारी है। 1 मई से अभियान के शुरू होने से पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक और चिट्ठी लिखी है। इस बार सीएम ने केंद्र सरकार से वैक्सीनेशन के दौरान गरीबों और पिछड़ों पर फोकस करने को कहा है। साथ ही मांग की है कि सामाजिक और आर्थिक रुप से कमजोर लोगों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाए। इसके अलावा जिन गरीबों और पिछड़ों के पास ऑनलाइन सुविधा नहीं है लिहाजा उन्हें वैक्सीनेशन के लिए ऑन साइट पर रजिस्ट्रेशन की सुविधा मिलनी चाहिए।
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कोरोना काल में मुख्यमंत्री का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बार-बार पत्र लिखने पर विपक्ष ने तंज कसते हुए निशाना साधा है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार का काम केवल पत्र लिखना रह गया है। केंद्र को चिट्ठी लिखकर राज्य सरकार केवल वाहवाही लूटना चाह रही है।
जाहिर है प्रदेश में एक करोड़ 20 लाख लोग 18 से 45 साल तक के हैं, जिन्हें राज्य सरकार ने निशुल्क टीका लगाने का फैसला किया है। हालांकि राज्य सरकार लगातार ये आरोप लगाती रही है कि वैक्सीनेशन अभियान में केंद्र सरकार राज्य की कोई मदद नहीं कर रही है। सीएम भूपेश बघेल ने हाल-फिलहाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को कई पत्र लिख चुके हैं, जिसमें वैक्सीन की एक समान कीमत। तीसरे चरण के लिए वैक्सीन की उपलब्धता और स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा को लेकर भी सीएम ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख चुके हैं। बहरहाल कोरोना महामारी के बीच बीते एक साल से केंद्र और राज्य के बीच खींचतान जारी है। इस दौरान रायपुर से दिल्ली लेटर लिखकर सुझाव देने का सिलसिला भी बदस्तूर जारी है, लेकिन उन सुझाओं से आपदा के इस दौर में छत्तीसगढ़ की जनता को कितना फायदा मिल रहा है?
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