नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने ‘इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन-269एसयू’ के तहत तय इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर फीस लगाने संबंधी एक सर्कुलर में बैंकों को सलाह दी कि वे इन प्लेटफॉर्म से किए जाने वाले भविष्य के किसी भी ट्रांजेक्शन पर कोई चार्ज न लगाएं।
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सीबीडीटी ने कहा, दिसंबर 2019 में स्पष्ट किया गया था कि एक जनवरी 2020 से रुपे वाले डेबिट कार्ड, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई/भीम-यूपीआई) और यूपीआई क्विक रिस्पॉन्स कोड (क्यूआर कोड) तय इलेक्ट्रॉनिक मोड से किए गए ट्रांजेक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) सहित किसी भी तरह का चार्ज लागू नहीं होगा।
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सरकार ने डिजिटल ट्रांजेक्शन को प्रोत्साहित करने और कम कैश वाली इकोनॉमी की तरफ बढ़ने के लिए वित्त अधिनियम 2019 में धारा 269 एसयू के रूप में एक नया प्रावधान जोड़ा है। कानून के तहत यह जरूरी किया गया है कि पिछले वर्ष 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार करने वाले व्यक्ति तत्काल प्रभाव से तय इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म से पेमेंट की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
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सीबीडीटी ने सर्कुलर में कहा कि बैंकों को सलाह दी जाती है कि अगर उन्होंने 1 जनवरी 2020 को या उसके बाद तय इलेक्ट्रॉनिक मोड का इस्तेमाल करते हुए किए गए ट्रांजेक्शन पर अगर किसी तरह का चार्ज वसूला है, तो वे इसे तत्काल वापस करें और भविष्य में इस प्रकार के लेन-देन पर कोई चार्ज नहीं लें।
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