नईदिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था के वृद्धि दर के अनुमान में एशियाई विकास बैंक ने इस वित्त वर्ष में में भारी कटौती की है। जो सरकार के लिए चिंता का विषय है, ADB ने कहा है कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में बढ़त 5.2 फीसदी ही हो सकती है। इसके पहले एडीबी ने जीडीपी बढ़त 6.5 फीसदी रहने का सितंबर महीने में अनुमान जारी किया था।
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एडीबी ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2019-20 में भारत का ग्रोथ रेट सुस्त होकर 5.2 फीसदी रह सकता है। एक बड़े गैर बैकिंग वित्तीय कंपनी में संकट की वजह से वित्तीय सेक्टर में जोखिम बढ़ा है और कर्ज संकट खड़ा हुआ है। इसके अलावा नौकरियों के सृजन की रफ्तार सुस्त पड़ने और खराब फसल की वजह से ग्रामीण क्षेत्र में संकट बढ़ने से खपत प्रभावित हुआ है।’ इसके साथ यह भी कहा कि सरकार ने यदि सही नीतियां अपनाईं तो अगले वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ रेट बढ़कर 6.5 फीसदी तक पहुंच सकता है।
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गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में जीडीपी का आंकड़ा 4.5 फीसदी पहुंच गया है। यह करीब 6 साल में किसी एक तिमाही की सबसे बड़ी गिरावट है, इससे पहले मार्च 2013 तिमाही में देश की जीडीपी दर इस स्तर पर थी। जीडीपी के ये आंकड़े केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। दरअसल, सरकार अपने 5 साल के कार्यकाल में 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य पर काम कर रही है। एक्सपर्ट का मानना है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जीडीपी ग्रोथ की दर 8 फीसदी से अधिक होना जरूरी है।
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