इंदौर। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव खत्म होने के साथ ही एक बार फिर छात्र राजनीति की मांग उठने लगी है। विधानसभा चुनाव के कारण ठंडे बसते में छात्र संघ चुनाव पहुंच गया था लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद फिर एक बार छात्र संघ चुनाव कराने की मांग तेज़ हो गई है।
शैक्षणिक कैलेंडर में सितम्बर में होने वाले छात्र संघ चुनाव अब तक नहीं हो पाए है। अब छात्र संघ चुनाव जल्द कराने की मांग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कर रहा है। दरअसल मध्यप्रदेश में 15 साल से भारतीय जनता पार्टी का कब्ज़ा रहा था। लेकिन इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के साथ ही कांग्रेस की युवा ईकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन भी मजबूत हुई है।
अब आलम ये है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लोकसभा चुनाव के पहले चुनाव कराने की मांग पर अड़ा है। एबीवीपी ने अब विपक्ष की भूमिका निभाते करते हुए मोर्चा संभाल लिया है। हालांकि लोकसभा चुनाव के पहले छात्र संघ चुनाव होना असंभव है और उसके बाद नगर निगम के चुनाव भी छात्र संघ चुनाव कराने में रोड़ा उत्पन्न कर सकता है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जल्द ही छात्र संघ चुनाव की ओर भी ध्यान दिया जाए, नहीं तो प्रदेशभर में सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।
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गौरतलब है कि एक समय था जब छात्र संघ चुनाव कराने की मांग भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन करता था और जानबूझकर चुनाव लेट कराने पर भाजपा की साजिश बताई जाती थी, लेकिन अब सत्ता परिवर्तन के साथ ही भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के नेताओं का ओहदा बढ़ा है और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का ओहदा कम और विरोध शुरू हो गया है।